कोरोना की नई दवा लॉन्च करने के बाद आजतक से बातचीत करते हुए बाबा रामदेव ने कहा कि मुझ पर पिछले तीन दशकों से कितने सवाल उठे हैं, जब मैंने कहा था कि बीमारियों को कंट्रोल नहीं आप खत्म कर सकते हैं, अब सारे सर्टिफिकेशन के साथ हमारे पास 250 से अधिक रिसर्च पेपर है, अकेले कोरोना के ऊपर 25 रिसर्च पेपर है, अब कोई दुनिया में सवाल नहीं उठा सकता.
आजतक से बात करते हुए आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि कोरोनिल का इस्तेमाल पहले से लोग कर रहे थे, लेकिन अब डीजीसीए के बाद हमें डब्लूएचओ से अप्रूवल मिल गया है, ये 154 देशों के लिए अप्रूवल मिला है, इसके बाद हम अब आधिकारिक रूप से कोरोनिल का निर्यात कर सके हैं, हम वैज्ञानिक पद्धति से कोरोनिल का रिसर्च किया.
वहीं, योगगुरू बाबा रामदेव ने कहा, 'आज कोरोनिल की विजय का ही दिन नहीं है, आज सिर्फ कोरोना की पहली दवा बनाने का मौका मिलने की बात नहीं है, बात यह है कि पूरी दुनिया जिस चिकित्सा पद्धति की ओर जाना चाहती है, दुनिया की 70 फीसदी आबादी नेचुरल फूड, नेचुरल मेडिसिन पर आना चाहती है, आज का दिन उसके लिए ऐतिहासिक है.'
कोरोनिल पर हुए विवाद के बारे में बताते हुए आचार्य बालकृष्ण ने कहा, 'जब कोई रिसर्च होता है, तो उसे पब्लिश होने में समय लगता है, जिस तरह रिसर्च की लंबी प्रक्रिया है, उसी तरह उसके पब्लिश होने की भी लंबी प्रक्रिया है, पहले हमारे रिसर्च कहीं पब्लिश नहीं थे, अभी हमने सारे साक्ष्य पब्लिश कर दिए हैं, छोटी-छोटी चीजें भी हमने पूरी कर दी है.'
आचार्य बालकृष्ण ने बताया, 'पहले हमें लाइसेंस इम्युनिटी बूस्टर के लिए मिला था, अब हमने अपने लाइसेंस पर चेंज करा लिया है, अब कोरोना के लाभकारी के रूप में यह रजिस्टर्ड हो गया है, यह हमारी पहली विजय है, अब आयुष मंत्रालय ने अप्रूवल दे दिया है.' वहीं, बाबा रामदेव ने कहा, 'सरकार ने पहले इम्युनिटी बूस्टर के तहत लाइसेंस दिया था, अब कोरोना की दवाई के रूप में लाइसेंस मिल गया है.'
बाबा रामदेव ने कहा, 'वैक्सीन को लेकर कितने सवाल उठे हैं, लेकिन कुछ लोगों का काम ही है सवाल उठाना, भारत में तो पूरा गैंग है, मैं उनको ड्रग माफिया बोलता हूं, वो पूरे देश में हेल्थ टेरिज्म चलाना चाहते हैं, हमने तो पूरी दुनिया को परिवार मानकर उपचार और उपकार के लिए यह सब शुरू किया है, जब हमने कोरोनिल लॉन्च की थी तो यह ब्लैक तक बिकी है.'