scorecardresearch
 

Omicron: बूस्टर डोज के लिए Lancet ने इन वैक्सीन को पाया सेफ, भारत में भी एक्स्ट्रा डोज की सिफारिश

corona Omicron updates: कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के खिलाफ जंग पर भारत में भी मंथन चल रहा है. इस बारे में केंद्र सरकार का कहना है कि बूस्टर पर अंतिम फैसला डॉक्टरों और वैज्ञानिकों के सुझाव पर लिया जाएगा.

Advertisement
X
क्या भारत में बूस्टर डोज की है जरूरत? (फोटो- पीटीआई)
क्या भारत में बूस्टर डोज की है जरूरत? (फोटो- पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • ओमिक्रॉन के दो केस बेंगलुरु में मिलने के बाद सरकार सतर्क
  • स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से गाइडलाइंस भी जारी की गई है
  • अब वैज्ञानिकों के बीच बूस्टर डोज देने को लेकर हो रही चर्चा

कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के दो केस बेंगलुरु में मिलने के बाद भारत सरकार सतर्क हो गई है. इस वैरिएंट से लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से गाइडलाइंस भी जारी की गई है. दुनियाभर के वैज्ञानिक और डॉक्टर्स इस मंथन में जुट गए हैं कि यह वैरिएंट बाकी कोरोना वैरिएंट के मुकाबले कितना खतरनाक है और वैक्सीन इसके खिलाफ कितनी असरदार है. इसकी भी चर्चा हो रही है कि क्या अब बूस्टर डोज देने का वक्त आ गया है. इस बीच भारत में जीनोम सिक्वेंसिंग की जांच करने वाली लेबोरेटरी INSACOG ने बूस्टर डोज को लेकर बड़ी बात कही है.

Advertisement

INSACOG का कहना है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट के खतरे को देखते हुए अब वक्त आ गया है कि 40 या इससे ऊपर के उम्र वाले लोगों को बूस्टर देने पर विचार किया जाए. हमारी कोशिश हो कि सभी लोगों को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज जल्द से जल्द लग जाए. अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि मौजूदा टीके ओमिक्रॉन को मात देने में कितने कारगर हैं, ऐसे में बूस्टर को लेकर फैसला करना जरूरी हो गया है.

डरा रहे दक्षिण अफ्रीका के आंकड़े

शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि ओमिक्रॉन से फिर से इन्फेक्शन रिस्क बढ़ सकता है. यदि ऐसा होता है तो म्यूटेशंस की वजह से वायरस कोई और डरावना रूप ले सकता है. एक यह भी वजह है कि म्यूटेशंस बढ़ने से दक्षिण अफ्रीका में अचानक कोविड मरीजों की संख्या बढ़ गई है.

Advertisement

इस बीच वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन भी ओमिक्रॉन को लेकर हरसभंव कदम उठा रहा है. WHO की स्ट्रैटेजिक एडवाइजरी ग्रुप की 7 दिसंबर को बैठक हो रही है. इसमें बूस्टर डोज को लेकर चर्चा होनी है और इसको लेकर दिशा-निर्देश जारी हो सकते हैं. अभी  WHO का कहना है कि ओमिक्रॉन को लेकर शुरुआती जांच के बाद यह कहना मुश्किल है कि बूस्टर डोज को लेकर निर्णायक वक्त आ गया है या नहीं.

बूस्टर पर क्या सोच रही सरकार?

इधर, भारत सरकार ने संसद को बताया कि बूस्टर पर अंतिम फैसला डॉक्टरों और वैज्ञानिकों के सुझाव पर किया जाएगा. वैक्सीन को लेकर अहम फैसले लेने वाला नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप में भी बूस्टर डोज पर मंथन चल रहा है. इसकी भी चर्चा हो रही कि क्या वैक्सीन की तीसरी डोज या बूस्टर देने का वक्त आ गया है. हालांकि यह चर्चा अभी पब्लिक डोमेन में नहीं है.

LANCET ने बताया कौन सी वैक्सीन सेफ

ओमिक्रॉन के खौफ और बूस्टर डोज पर मंथन के बीच साइंस जर्नल LANCET ने कहा है कि फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन की दो डोज लेने के बाद 6 अलग-अलग बूस्टर सुरक्षित हैं. ये बूस्टर कोरोना से जंग में कारगर हैं और इम्युनिटी बढ़ाते हैं. ब्रिटेन में इसको लेकर ट्रायल हो चुका है. लांसेट ने इन 6 कंपनियों का वैक्सीन लगाने के बाद बूस्टर डोज की प्रभावकारिता का अध्ययन किया. ये 6 कंपनियां है- AstraZeneca, Pfizer-BioNTech, Novavax, Janssen, Moderna, और Curevac. लांसेट के अनुसार साइड इफेक्ट के डाटा से पता चला है कि सभी सातों कंपनियों के वैक्सीन को तीसरे डोज के रूप में लिया जा सकता है. स्ट़डी में पता चला है कि मामूली साइड इफेक्ट में टीका लेने वाली जगह पर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, थकान जैसे लक्षण देखने को मिल सकते हैं. रिसर्च के अनुसार ये वैक्सीन स्पाइक प्रोटीन immunogenicity बढ़ाने में कारगर रहे.

Advertisement

 

Advertisement
Advertisement