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कोरोना: UK-साउथ अफ्रीका, यूरोप और मिडिल ईस्ट से आने वाले यात्रियों के लिए नई गाइडलाइंस

महाराष्ट्र में ब्रिटेन, साउथ अफ्रीका, यूरोप और मिडिल ईस्ट से आए यात्रियों को पहले तो क्वारंटाइन में रहना होगा. इसके बाद कोरोना जांच के लिए 7वें दिन RT-PCR टेस्ट कराना होगा.

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कोरोना वायरस के नए स्‍ट्रेन से लोगों में दहशत
कोरोना वायरस के नए स्‍ट्रेन से लोगों में दहशत
स्टोरी हाइलाइट्स
  • महाराष्ट्र में UK और साउथ अफ्रीका से आने वाले यात्रियों के लिए नई गाइडलाइंस
  • यूरोप और मिडिल ईस्ट से आने वाले यात्रियों पर भी नजर
  • 7वें दिन कराना होगा RT-PCR टेस्ट

ब्रिटेन, साउथ अफ्रीका समेत कई देशों में पाया गया कोरोना वायरस (CoronaVirus) का नया स्‍ट्रेन (Corona Strain) अब धीरे-धीरे कई देशों में पहुंच रहा है. ऐसे में भारत में भी इस वायरस के आने का डर सताने लगा है. इस बीच विदेशों से आने वाले यात्रियों के लिए महाराष्ट्र में ग्रेटर मुंबई नगर निगम (Municipal Corporation of Greater Mumbai) ने नई गाइडलाइंस जारी की हैं. ये गाइडलाइंस खास तौर पर ब्रिटेन, साउथ अफ्रीका, यूरोप और मिडिल ईस्ट से आने वाले यात्रियों पर लागू होगी. 

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गाइडलाइंस के मुताबिक, बाहर से आए यात्रियों को पहले तो क्वारंटाइन रहना होगा. इसके बाद कोरोना जांच के लिए 7 वें दिन RT-PCR टेस्ट कराना होगा. इसका खर्च खुद से उठाना होगा. कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद 7 दिन और क्वारंटाइन (होम) में रहना होगा और यदि रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो मरीज को कोविड-19 अस्पताल में शिफ्ट किया जाएगा. 

बता दें कि ब्रिटेन आदि देशों से भारत लौटने वाले लोगों में कोरोना के नए स्‍ट्रेन की पहचान करने के लिए कोविड टेस्टिंग के साथ-साथ जीनोम सीक्‍वेंसिंग भी की जा रही है, ताकि पता चल सके कि बाहर से कोरोना का नया स्‍ट्रेन भारत आया है या नहीं.

गौरतलब है कि कोरोना के नए स्‍ट्रेन को लेकर वैज्ञानिकों ने कहा था कि बाहर से आए कई यात्रियों में ब्रिटेन का नया कोरोना वायरस हो सकता है. क्योंकि, ब्रिटेन में करीब 60 फीसदी लोग नए कोरोना वायरस से बीमार हैं. कोरोना के इस नए स्ट्रेन के बारे में कहा जा रहा है कि यह पहले के वायरस से दोगुना तेजी से फैल सकता है.  

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बाहर से आने वाले यात्रियों के लिए नई गाइडलाइंस

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भारत में अभी जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए कुछ ही प्रयोगशालाएं हैं, जिनमें नई दिल्ली स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी के अलावा, डीबीटी - नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोमेडिकल जीनोमिक्स (NIBMG), सीएसआईआर-आर्कियोलॉजी फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (हैदराबाद), डीबीटी- इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज (भुवनेश्वर), डीबीटी-इन स्टेम-एनसीबीएस (बेंगलुरु), (कल्याणी, पश्चिम बंगाल) और सीएमआर- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (पुणे) शामिल हैं.

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