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कोरोना: जब नाराज CJI बोले- लगाएं 10 लाख का फाइन? याचिकाकर्ता बोला- मेरे पास बस 1 हजार

सीजेआई एनवी रमना की अगुवाई वाली बेंच ने याचिका पर तल्ख टिप्पणी करते हुए याचिकाकर्ता पर पहले 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया. जब याचिकाकर्ता ने कहा कि उसके अकाउंट में सिर्फ एक हजार रुपये हैं तो जुर्माना एक हजार कर दिया गया.

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सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कोविड इलाज को लेकर थी याचिका
  • सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज की

सुप्रीम कोर्ट में कोरोना के इलाज और दवा को लेकर दिशा-निर्देश जारी करने की मांग वाली याचिका खारिज हो गई है. सीजेआई एनवी रमना की अगुवाई वाली बेंच ने याचिका पर तल्ख टिप्पणी करते हुए याचिकाकर्ता पर पहले 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया. जब याचिकाकर्ता ने कहा कि उसके अकाउंट में सिर्फ एक हजार रुपये हैं तो जुर्माना एक हजार कर दिया गया.

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दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी, जिसमें देश में कोरोना के इलाज और दवा को लेकर दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की गई थी. इस याचिका पर सुनवाई के दौरान सीजेआई एनवी रमना ने याचिकाकर्ता के कई सवाल पूछ लिए. इसके बाद याचिका को खारिज करते हुए याचिकाकर्ता पर जुर्माना लगाया. पढ़िए सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ-

याचिकाकर्ता से बेंच: आप डॉक्टर हैं?

याचिकाकर्ता सुरेश शॉ: नहीं, मैं डॉक्टर नहीं हूं.

बेंच: कोविड के बारे में आपका क्या जानते हैं?

सुरेश शॉ: याचिका साइंटिफिक पेपर पर आधारित है, न कि मेरे कोविड से जुड़ी जानकारी है.

सीजेआई: आप डॉक्टर, मेडिकल छात्र या वैज्ञानिक नहीं हैं, आपकी योग्यता क्या है?

याचिकाकर्ता: मेरे पास मास्टर्स इन कॉमर्स की योग्यता है.

बेंच: कॉमर्स?

सीजेआई: आप पूरी दुनिया को कोरोना की दवा बताना चाहते हैं? एक कॉमर्स स्टूडेंट दुनिया भर में चिकित्सा पेशेवरों को सिखाएगा कि कोविड का इलाज कैसे करें? इस तरह की तुच्छ दलीलों के लिए हमें आप पर कितना जुर्माना लगाना चाहिए, हम इसके लिए 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाते हैं.

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याचिकाकर्ता: सर मैं बेरोजगार हूं, कोई फंड नहीं है, मेरे बैंक खाते में केवल 1 हजार रुपये है.

सुप्रीम कोर्ट: ठीक है, 1 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया.

 

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