कोरोना को लेकर नए साल से पहले ही चीन से जो चेतावनी आई है, उसका असर हिन्दुस्तान में भी दिख रहा है. देश अलर्ट पर है. खतरा गंभीर है. कोरोना फिर से डराने लगा है. महामारी से सबक लेते हुए सरकार गंभीर है. चीन, जापान, दक्षिण कोरिया जैसे देश से खतरे की आहट हो चुकी है. देश के तमाम एयरपोर्ट अलर्ट पर हैं. रैंडम चेकिंग की जा रही है. जो पॉजिटिव आ रहे हैं, उन्हें क्वारंटीन किया जा रहा है. इस बीच इंटरनेशनल ट्रवैल को लेकर सरकार एयर सुविधा लागू करने जा रही है. जिसके तहत चीन समेत 5 देशों से आने वाले यात्रियों की नेगेटिव RT-PCR रिपोर्ट अनिवार्य होगी.
दरअसल, इंटरनेशनल ट्रैवल को लेकर जारी गाइडलाइन पर भ्रम की स्थिति पर स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा एयर सुविधा लागू करने की संभावना है. इसके तहत एक पोर्टल शुरू किया जाएगा. जहां थाईलैंड (बैंकॉक) चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, हांगकांग और सिंगापुर जैसे देशों से उड़ान भरने से पहले यात्रियों को अपना कोविड टेस्ट कराकर नेगेटिव रिपोर्ट पोर्टल पर अपलोड करनी होगी.
आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को न्यूज एजेंसी को बताया कि सरकार अगले सप्ताह से चीन समेत पांच देशों से आने वाले यात्रियों के लिए नेगेटिव आरटी-पीसीआर रिपोर्ट अनिवार्य कर सकती है. उन्होंने यह भी आगाह किया कि अगले 40 दिन महत्वपूर्ण होंगे क्योंकि भारत में जनवरी में कोविड में उछाल देखा जा सकता है. स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि अगर कोई लहर होती भी है, तो मृत्यु और अस्पताल में भर्ती होने की दर बहुत कम होगी. सूत्रों ने कहा कि चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, हांगकांग, थाईलैंड और सिंगापुर से आने वाले यात्रियों के लिए अगले सप्ताह से एयर सुविधा फॉर्म भरना और 72 घंटे पहले आरटी-पीसीआर परीक्षण अनिवार्य किया जा सकता है.
भारत पर नई लहर का कितना होगा असर?
कैलिफोर्निया बेस्ड स्क्रिप्स रिसर्च इंस्टीट्यूट के अनुसार, चीन में जिस बीएफ.7 वैरिएंट ने हाहाकार मचाया है, ऐसे जेनेटिक्स वाला वैरिएंट फरवरी 2021 के बाद से ही 90 देशों में सामने आ चुका है. यह ओमिक्रॉन के बीए.5 सब वैरिएंट ग्रुप का एक हिस्सा है. विशेषज्ञों का मानना है कि भारत पर इसका ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण भारत की अधिकतर आबादी के पास डबल इम्यूनिटी का होना है, डबल यानी एक नेचुरल इम्यूनिटी और एक जो वैक्सीन के बाद इम्यूनिटी लोगों के शरीर में बन गई है.
चीन में कोरोना से हाहाकार
चीन में कोरोना वायरस का नया वैरिएंट काफी गंभीर रूप ले चुका है. रिपोर्ट्स की मानें तो चीन में काफी संख्या में नए मामले सामने आ रहे हैं. प्रतिदिन का आंकड़ा लाखों में जा रहा है. अस्पताल पूरी तरह भरे हुए हैं, मरीजों को जगह तक नहीं मिल रही हैं. चीन में दवाइयों की भी भारी कमी बताई जा रही है.