प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर देश ने कोरोना वैक्सीन लगाने के मामले में कई रिकॉर्ड अपने नाम कर लिए हैं. पहली बार देश ने ढाई करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाई है. ऐसे में अब टीकाकरण का काम तेज हो चुका है. टार्गेट है कि अक्टूबर के पहले हफ्ते तक 100 करोड़ लोगों को टीका लगा दिया जाए.
चुनाव से पहले 100 प्रतिशत टीकाकरण पर जोर
अब सरकार इस दिशा में तो काम कर ही रही है, लेकिन एक खबर ऐसी भी है जो इस टीकाकरण अभियान को देश की राजनीति से सीधा जोड़ देती है. ऐसा कहा जा रहा है कि जिन राज्यों में चुनाव होने जा रहे हैं, वहां पर 100 प्रतिशत टीकाकरण करने पर जोर दिया जा रहा है. ये राज्य हैं- उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड और गोवा. इन राज्यों में केंद्र जल्द से जल्द पूरी आबादी को कोरोना टीका लगाना चाहती है. वजह सरल है- कोरोना खत्म नहीं हुआ है लेकिन लोकतंत्र के सबसे बड़े पर्व के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन चुनौती हो सकता है.
सरकार की आगे की तैयारी?
चुनावी राज्यों के अलावा दक्षिण भारत के केरल और कर्नाटक में भी टीकाकरण को तेज करने पर जोर दिया जा रहा है. वहां पर मामले लगातार तेजी से बढ़ रहे हैं, ऐसे में अब वैक्सीन कवच के जरिए ही महामारी को रोकने का प्रयास है. वैसे भारत में अब टीकाकरण की गति ज्यादा तेज इसलिए भी होने जा रही है क्योंकि जल्द ही दुनिया की पहली डीएनए वैक्सीन Zydus Cadila उपलब्ध होने वाली है. जानकारी मिली है कि महीने के अंत तक देश को एक करोड़ वैक्सीन उपलब्ध हो जाएंगी. खास बात ये है कि इस वैक्सीन को बच्चों को भी दिया जा सकेगा, लेकिन अभी सरकार ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया है.
जानकारी ये भी मिली है कि भारत सरकार को सीरम की तरफ से कुल 20 करोड़ कोविशील्ड वैक्सीन मिलने जा रही हैं, वहीं भारत बायोटेक भी 3.5 करोड़ वैक्सीन सप्लाई करने की तैयारी कर रहा है. ऐसे में आने वाले दिनों में वैक्सीन संकट और ज्यादा कम होता दिख सकता है.