देश के कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कोरोना मामलों में गिरावट के बाद फिर से संक्रमण के मामलों में वृद्धि ने संकट बढ़ा दिया है. दिल्ली समेत 8 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ बैठक में प्रभावित जिलों में टीकाकरण अभियान में तेजी लाने और टेस्टिंग बढ़ाने का निर्देश दिया गया है.
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण और नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉक्टर विनोद के पॉल ने शनिवार को हरियाणा, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, गोवा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और केंद्र शासित प्रदेशों जैसे दिल्ली तथा चंडीगढ़ के स्वास्थ्य सचिवों और एमडी (एनएचएम) के साथ बैठक की. इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में हाल के दिनों में कोरोना के मामले बढ़े हैं और रोजाना कोरोना संक्रमण के मामलों में भी वृद्धि देखी जा रही है.
बैठक में इन 8 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में कोरोना के फिर से लगातार बढ़ रहे मामलों को देखते हुए कोविड-19 मामलों की निगरानी, रोकथाम और प्रबंधन को लेकर चल रहे उपायों की समीक्षा की.
आरटी-पीसीआर टेस्टिंग में आई कमी
समीक्षा बैठक में यह बात सामने निकल कर आई कि दिल्ली में 9 जिले, हरियाणा में 15, आंध्र प्रदेश में 10, ओडिशा में 10, हिमाचल प्रदेश में 9, उत्तराखंड में 7, गोवा में 2 और चंडीगढ़ में 1 जिले में कोरोना के बढ़ते मामले चिंता का विषय है. खास बात यह रही कि इन जिलों में होने वाले कुल टेस्टिंग में कमी भी देखी जा रही है.
आरटी-पीसीआर टेस्टिंग में कमी आई है. साप्ताहिक स्तर पर संक्रमण के मामलों में वृद्धि और कोरोना संक्रमित मामलों में कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग में भी कमी आई है. इस वजह से सटे पड़ोसी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है.
कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्यों से कहा गया है कि टेस्ट ट्रैक एंड ट्रीट ’की प्रभावी रणनीति को जारी रखें, जिससे महामारी की वृद्धि दर को कम किया जा सके. साथ ही जिन जिलों में टेस्टिंग में कमी आई है वहां पर ओवरऑल टेस्टिंग में सुधार लाया जाए.
कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग में हो इजाफा
साथ ही राज्यों से यह भी कहा गया है कि एंटीजन टेस्टिंग के उच्च स्तर पर निर्भर जिलों में आरटी-पीसीआर टेस्टिंग की हिस्सेदारी बढ़ाई जाए. इसके अलावा चयनित जिलों में उन क्षेत्रों की निगरानी और कंटेनमेंट जोन पर फिर से फोकस किया जाए.
यही नहीं राज्यों से कहा गया है कि प्रति पॉजिटिव केस में कम से कम 20 व्यक्तियों की कांन्टेक्ट ट्रेसिंग के बारे में पता लगाया जाए. साथ ही उच्च मृत्यु की सूचना देने वाले जिलों में क्लीनिकल प्रबंधन पर ध्यान दिया जाए.
राज्यों से कहा गया है कि जिन जगहों पर लगातार मामले बढ़ रहे हैं उन जगहों पर प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण में तेजी लाई जाए. उपलब्ध वैक्सीन खुराक का सही तरीके से उपयोग हों और प्रभावित जिलों पर ध्यान रखा जाए.
टीकाकरण के लिए निजी अस्पतालों का भी सहयोग लिया जाए. इसके लिए कम से कम 15 दिन और अधिकतम 28 दिन तय किए जाएं.