कोरोना के बढ़ते संकट के दौर में अगले महीने से शुरू होने वाली सीबीएसई बोर्ड परीक्षा को स्थगित किए जाने को लेकर केंद्र पर बढ़ते दबाव के बीच आज बुधवार को शिक्षा मंत्रालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चर्चा करने के बाद 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा रद्द कर दिया जबकि 12वीं कक्षा की परीक्षा को स्थगित करने का फैसला किया.
शिक्षा मंत्रालय ने अपने ऐलान के दौरान कहा कि 1 जून को स्थिति की समीक्षा करने के बाद मंत्रालय नए सिरे से तारीखों पर फैसला करेगा. इस बीच, 10वीं कक्षा के छात्रों को बोर्ड द्वारा तैयार खास ओब्जेक्टिव क्राइटेरिया के आधार पर प्रमोट किया जाएगा.
सीबीएसई के मुताबिक पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार 12वीं की परीक्षा का आयोजन 4 मई से 14 जून तक किया जाना था. लेकिन केंद्र ने 12वीं की परीक्षा को स्थगित कर दिया. यानी अब अगले आदेश तक 12वीं की परीक्षा नहीं होंगी. 12वीं के परीक्षा के लिए एक बार फिर 1 जून को रिव्यू बैठक होगी और तब ही इस पर फैसला लिया जाएगा.
शिक्षा मंत्रालय की ओर से जारी प्रेस नोट के अनुसार, ओब्जेक्टिव क्राइटेरिया के जरिए एक तरह से छात्रों का आंतरिक मूल्यांकन किया जाएगा. यदि कोई भी छात्र इस प्रक्रिया से आवंटित नंबरों से संतुष्ट नहीं है, तो जब स्थिति अनुकूल होगी तब बोर्ड उन्हें एक ऑफलाइन परीक्षा में बैठने का अवसर देगा.
सरकार के फैसले के बाद 10वीं कक्षा के छात्रों ने सरकार के निर्णय की सराहना की. हालांकि 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए राहत कम और आशंका अधिक मिली है.
'12वीं की भी परीक्षा रद्द हो'
दिल्ली से साइंस स्ट्रीम की कक्षा 12 की छात्रा शाम्भवी ने आजतक/इंडिया टुडे को बताया, "मुझे निश्चित रूप से बहुत राहत मिली है, लेकिन भविष्य में क्या होगा, इसको लेकर मुझे बहुत चिंता है. यह बेहद अनिश्चय की स्थिति है और ये परीक्षाएं भी बेहद महत्वपूर्ण हैं. यह हमारे भविष्य और करियर को तय करेगा."
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है, अगर जून तक कोरोना की स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो सरकार को 12वीं की परीक्षा को भी रद्द कर देनी चाहिए या इसे ऑनलाइन कराना चाहिए, क्योंकि परीक्षा में ज्यादा देरी से छात्रों के लिए अस्वीकार्य होगी"
'ऑनलाइन एंट्रेस एग्जाम कराए यूनिवर्सिटी'
यूपी के नोएडा से कॉमर्स स्ट्रीम की छात्रा आनंदी गांगुली को लगता है कि बोर्ड परीक्षा में अनुपस्थित रहने पर, यूनिवर्सिर्टी को कॉमर्स और आर्ट्स स्ट्रीम के छात्रों के लिए एक समान प्रवेश परीक्षा लेनी चाहिए. उन्होंने आजतक/इंडिया टुडे को बताया, "मेरी तैयारी में कोई कमी नहीं थी, लेकिन कोरोना के मामलों की संख्या को देखते हुए, मैं ऑफलाइन परीक्षा देने से बहुत डर रही थी क्योंकि परीक्षा केंद्र हॉटस्पॉट बन सकते थे. इसलिए मैं इस फैसले को लेकर खुश हूं."
उन्होंने कहा कि लेकिन कहीं न कहीं मैं असमंजस में हूं कि अगर हमारे कॉलेज को आखिरकार हमारी परीक्षा रद्द करनी पड़ती है तो यह कैसे होगा. अब यह अनिश्चितता हम पर दबाव बढ़ा रही हैं. मेरा सुझाव है कि सरकार को छात्रों के लिए ऑनलाइन परीक्षा की घोषणा करनी चाहिए, साथ ही यूनिवर्सिटीज को सभी स्ट्रीम के छात्रों के लिए एक ऑनलाइन एंट्रेस एग्जाम का आयोजन करना चाहिए. गांगुली का कहना है कि ऐसी स्थिति में यह सभी छात्रों के लिए यही बेहतर होगा.
मुंबई की एक छात्रा आशना मेहता का सुझाव है कि 12वीं की बोर्ड परीक्षा को तुरंत रद्द कर दिया जाए. उन्होंने आजतक/इंडिया टुडे को बताया कि हमें अधर पर छोड़ दिया गया है. विज्ञान के छात्र मेडिकल या इंजीनियरिंग में दाखिले के लिए अपने संबंधित एंट्रेस की तैयारी भी कर रहे हैं. इसलिए कई छात्रों ने विदेशी यूनिवर्सिटीज में आवेदन भी किया है. इसलिए तारीखों में देरी करने से न केवल उनके अवसरों में बाधा आएगी और यह हमारे लिए मुसीबत बढ़ जाएगी.
उन्होंने कहा कि मेरा सुझाव है कि सरकार को 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को तुरंत रद्द कर देना चाहिए, क्योंकि कोरोना के मामलों में तेजी से वृद्धि को देखते हुए छात्रों को ऑफलाइन परीक्षा देना उचित नहीं होगा. लाखों छात्रों के पास ऑनलाइन अध्ययन की कोई सुविधा नहीं है ऐसे में ऑनलाइन परीक्षा भी संभव नहीं है.