दुनिया भर से कोरोना (Corona) का खतरा अभी भी टला नहीं कि दो और वायरस का खतरा एशिया पर मंडरा रहा है. कोरोना महामारी अपना भयावह रूप दिखा चुकी है, इसके साथ ही जीका वायरस (Zika Virus) और निपाह (Nipah) ने भी खतरे की दस्तक देनी शुरू कर दी है. भारत अभी कोरोना से पूरी तरह उबर भी नहीं पाया है, ऐसे में ज़ीका और निपाह वायरस देश की नींद उड़ा रहे हैं.
कानपुर में पांव पसार रहा है जीका
यूपी के कानपुर में जीका वायरस का कहर बढ़ता जा रहा है. पिछले 24 घंटे में तो 6 नए मामले सामने आ गए हैं. जीका के कुल मरीज़ों की संख्या 10 हो गई है. लगातार बढ़ रहे मामलों से प्रशासन सचेत हो गया है.
स्वास्थ विभाव ने अलर्ट जारी कर दिया है. पिछले 24 घंटे की बात करें तो 6 मरीजों में से चार महिलाएं जीका का शिकार हुई हैं. आंकड़ों पर नजर डालें तो 10 जीका मरीजों में 3 एयरफोर्स कर्मी हैं, वहीं बाकी बचे सात सिविलियन हैं. अब क्योंकि मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, ऐसे में बेड बढ़ाने पर भी जोर दिया जा रहा है.
जीका एक मच्छर से फैलने वाला वायरस है जो एडीज एजिप्टी नाम की प्रजाति के मच्छर के काटने से फैलता है. WHO के मुताबिक, एडीज मच्छर आमतौर पर दिन में काटते हैं. ये वही मच्छर है जो डेंगू, चिकनगुनिया फैलाता है. हालांकि, ज्यादातर लोगों के लिए जीका वायरस का संक्रमण कोई गंभीर समस्या नहीं है, लेकिन ये प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए खासतौर से भ्रूण के लिए खतरनाक हो सकता है.
निपाह वायरस भी कम घातक नहीं
निपाह जूनोटिक इन्फेक्शन निपाह का मामला सबसे पहले 1999 में पाया गया था. इसका नाम मलेशिया के एक गांव सुनगई निपाह (Sungai Nipah) पर रखा गया था. सुअर, चमगादड़, कुत्ते, बकरी, बिल्ली, घोड़े और संभवतः भेड़ से भी यह संक्रमण हो सकता है.
निपाह का फैलाव कम है. यह संक्रमित व्यक्ति के करीबी संपर्कों में फैलता है, जैसे परिवार के सदस्य या फिर अगर व्यक्ति अस्पताल में भर्ती हो तो अस्पताल के स्टाफ तक. निपाह भले कम लोगों में फैले, लेकिन घातक ज्यादा है.
जीका वायरस भी मच्छर के जरिए फैलता है. इसके कई लक्ष्ण डेंगू जैसे ही रहते हैं, लेकिन ये ज्यादा घातक और जानलेवा साबित होता है. बुखार आना, शरीर पर चकत्ते पड़ना और जोड़ों में दर्द कुछ कॉमन लक्षण हैं जो जीका वायरस से संक्रमित इंसान में देखे जा सकते हैं.
जैसे केरल में जब पिछली बार निपाह फैला तो इसकी मृत्यु दर 45-70 फीसदी तक थी. एक उदाहरण के तौर पर मानें 19 लोग निपाह से संक्रमित हुए तो उनमें से 17 लोगों ने जान गंवा दी थी.
निपाह का पहला मामला 1999 में देखने को मिला था लेकिन अबतक ना तो उसके इलाज की कोई दवा है ना उसकी रोकथाम के लिए कोई वैक्सीन. शायद इसकी वजह यह भी है कि यह बड़े पैमाने पर नहीं फैला है तो इसकी तरफ सबका ध्यान नहीं गया.
कोरोना का खतरा भी टला नहीं
कोरोना ने दुनियाभर में जमकर तबाही मचाई है, लेकिन खतरा अभी भी टला नहीं है. देश में कोरोना से सबसे ज़्यादा प्रभावित राज्य है तमिलनाडु, जहां बीते 24 घंटों में कोरोना के 1,009 मामले दर्ज किए गए हैं. फिलहाल राज्य में 11,492 सक्रिय मामले हैं. वहीं कोयंबटूर में 119, चेन्नई में 114, इरोड में 75, चेंगलपट्टू में 83, तंजावुर में 39 और सेलम में 58 मामले दर्ज किए गए हैं. मुंबई में कोरोना के 315 मामले सामने आए हैं और 24 घंटों में 3 मौतें दर्ज हुई हैं, जबकि पूरे महाराष्ट्र में 1172 मामलों के ,साथ 20 मौतें दर्ज की गई हैं.
24 घंटों में भारत में कोरोना संक्रमण के 12,830 नए मामले सामने आए हैं. इसके साथ ही देश में अब तक कुल कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,42,73300 हो गई. देशभर में कोरोना से मौतों का आंकड़ा बढ़कर 4 लाख, 58 हजार, 186 हो गया है.