देश में कोरोना वायरस महामारी विकराल रूप ले चुकी है. लाखों लोग रोजाना इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. इस बीच देश के तीन बड़े डॉक्टर्स कोरोना के मसले पर लोगों को जानकारी दी. डॉक्टर्स की टीम में डॉ रणदीप गुलेरिया (डायरेक्टर AIIMS दिल्ली), डॉ देवी शेट्टी (चेयरमैन, नारायण हेल्थ) और डॉ नरेश त्रेहन (चेयरमैन, मेदांता अस्पताल) शामिल रहे. इस दौरान मेदांता के डॉ नरेश त्रेहन ने कहा कि रेमेडिसविर 'रामबाण' नहीं है, यह केवल उन लोगों में वायरल लोड को कम करता है, जिन्हें इसकी आवश्यकता है. उन्होने कहा कि अगर ऑक्सीजन की जरूरत नहीं है तो सुरक्षा के तौर पर इसका उपयोग न करें. क्योंकि ऑक्सीजन की बर्बादी होने से यह उस व्यक्ति को नहीं मिलेगी, जिसे इसकी जरूरत है.
आपको बता दें कि देश में कोरोना के बढ़ते मामलों पर देश के तीन बड़े डॉक्टरों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. तीनों डॉक्टर्स वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए एक दूसरे से जुड़े. इस दौरान मेदांता अस्पताल के चेयरमैन डॉ त्रेहन ने कहा कि कोरोना के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत खुद को आइसोलेट करना चाहिए. साथ ही बिना देर किए इलाज शुरू कर देना चाहिए. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आने पर फौरन अस्पताल की तरफ न भागें. मीडियम लक्षण दिखने पर क्वारंटीन सेंटर जा सकते हैं और यदि ऑक्सीजन लेवल में उतार-चढ़ाव हो रहा है तो अस्पताल में भर्ती हो सकते हैं.
डॉ त्रेहन ने आगे कहा कि अस्पतालों के ऐप से जानकारी ले सकते हैं. कम प्रतिशत में लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत होती है. अस्पताल के बेड्स का उपयोग विवेकपूर्ण और जिम्मेदारी के साथ होना चाहिएआ और यह जिम्मेदारी हम सभी की है.
वहीं, नारायण हेल्थ के चेयरमैन डॉक्टर शेट्टी ने बताया कि अगर आपको कोरोना के सिम्प्टम्स नजर आ रहे हैं तो घबराएं नहीं, आप अपने डॉक्टर से बात करें और जितनी जल्दी हो सके कोरोना टेस्ट कराएं. अगर हालत ज्यादा गंभीर नहीं है तो घर पर इलाज करें.
उन्होने कहा कि अगर आप पॉजिटिव आते हैं तो पैनिक न करें. कोरोना अब कॉमन हो चुका है. ऐसे में हमेशा मास्क पहनें और ऑक्सीजन लेबल चेक करते रहें. डॉक्टर शेट्टी ने कहा कि ऑक्सीजन लेवल 94 से कम होने पर डॉक्टर से बात करें.
एम्स के डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि COVID में 85% से अधिक लोग रेमेडिसविर आदि के स्पेशल ट्रीटमेंट के बिना ठीक हो रहे हैं. अधिकांश में सामान्य सर्दी, गले में खराश आदि जैसे लक्षण हैं वे घर पर ही 5 से 7 दिनों में सामान्य उपचार से ठीक हो रहे हैं.
उन्होंने कहा कि यह समझना महत्वपूर्ण है कि हम में से अधिकांश जो घर में आइसोलेट या अस्पताल में हैं उनको घबराना नहीं है. बहुत काम लोगों को रेमेडिसिविर की आवश्यकता होती है. इसे जादू की गोली न समझें. यदि हम ऑक्सीजन और रेमेडिसिविर का विवेकपूर्ण उपयोग करें तो कहीं भी कोई कमी नहीं होगी.
डॉ गुलेरिया ने आगे कहा कि ऑक्सीजन एक उपचार है, यह एक दवा की तरह है. ऐसा कोई डाटा नहीं है, जिससे पता चलता है कि इसे फौरन बिना सलाह के लगा लेने से यह आपकी किसी भी मदद का होगा, इसलिए आपको ऐसा नहीं करना चाहिए.
अपने संबोधन में देश के तीनों बड़े डॉक्टरों ने अपील की है सभी लोग कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें. जरूरत पड़ने पर ही घर से बाहर निकलें, अपनी-अपनी जिम्मेदारी समझें. बार-बार हाथ धोएं और कोविड पॉजिटिव पाए जाने पर परेशान न हों. पैनिक न करें, क्योंकि इससे शरीर में ऑक्सीजन लेवल कम हो सकता है.
साथ ही लोगों से गुजारिश की कि डॉक्टर की सलाह पर ही दवाइयां लें, खान-पान ध्यान रखें. सबसे खास बात गर्मी के दिनों में लिक्विड डायट लेते रहें और करीब आधे घंटे रोजाना एक्सरसाइज करें.