ब्रिटेन में बुधवार को पहली बार कोरोना के नए मामलों का आंकड़ा 1 लाख को पार कर गया. इससे पहले पिछले हफ्ते ब्रिटेन में 93,045 मामले सामने आए थे. दक्षिण कोरिया में पिछले 24 घंटों में रिकॉर्ड 109 लोगों की मौत हुई. फ्रांस में 24 घंटे में 84,272 नए मामले सामने आए हैं, जो अपने पिछले रिकॉर्ड 87,000 केस (नवंबर 2020) से थोड़े ही कम हैं. इजरायल में 5वीं लहर तेज हो गई है. भारत में बीते 24 घंटे में 7,495 नए केस आए हैं जो मंगलवार की तुलना में 18.6% ज्यादा हैं. 434 मौतें भी हुईं हैं.
ये कुछ आंकड़े हैं जो इस बताते हैं कि दुनिया में एक बार फिर कोरोना की लहर तेज हो गई है. यूरोप के ज्यादातर देशों में रिकॉर्ड मामले सामने आ रहे हैं. भारत में भी तीसरी लहर की चेतावनी आ चुकी है. नेशनल कोविड-19 मॉडल कमेटी के सदस्य विद्यासागर ने न्यूज एजेंसी को बताया है कि भारत में अगले साल की शुरुआत में तीसरी लहर आने की आशंका है.
भारत जब दूसरी लहर से जूझ रहा था तब कहा जा रहा था कि तीसरी लहर आई तो उसमें बच्चों को खतरा ज्यादा होगा. भारत में बच्चों की वैक्सीन के ट्रायल भी हुए और उस समय कहा गया कि कुछ ही महीनों में बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू हो जाएगा. लेकिन अब कोविड वैक्सीनेशन पर सरकार की एडवाइजरी कमेटी NTAGI ने कहा है कि बच्चों को खतरा अभी कम है, इसलिए उनका वैक्सीनेशन बाद में भी किया जा सकता है.
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बच्चों के लिए वैक्सीन क्यों जरूरी?
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, ऐसा कोई डेटा नहीं है कि 18 साल से कम उम्र के लोगों को कोरोना का खतरा नहीं है. WHO के 30 दिसंबर 2019 से 25 अक्टूबर 2021 तक का डेटा बताता है कि इस दौरान दुनियाभर में 5 साल से छोटे 18.90 लाख बच्चे संक्रमित हुए और उनमें से 1,797 की मौत हो गई. वहीं, 5 से 14 साल की उम्र के बच्चों में 70.58 लाख मामले आए और 1,328 मौतें हुईं.
- WHO का कहना है कि भले ही 18 से कम उम्र के लोगों में वयस्कों की तुलना में संक्रमण की गंभीरता और मौत का खतरा कम हो, लेकिन उन्हें भी वैक्सीन की उतनी ही जरूरत है जितनी वयस्कों को है. उसके अलावा वैक्सीन सेफ्टी पर बनी ग्लोबल एडवाइजरी कमेटी का भी कहना है कि कोरोना संक्रमितों को अस्पताल में भर्ती होने और मौतों को रोकने के लिए सभी एज ग्रुप को वैक्सीनेट करना जरूरी है.
- वैक्सीनेशन इसलिए भी जरूरी है क्योंकि ओमिक्रॉन वैरिएंट बच्चों को भी संक्रमित कर रहा है. भारत में भी अब तक ओमिक्रॉन के जितने मामले आए हैं, उनमें कई बच्चे भी हैं. WHO यूरोप ने दो हफ्ते पहले कहा था कि 5 से 14 साल के बच्चों में संक्रमण के मामले 2 से 3 गुना बढ़ गए हैं.
भारत में क्यों जरूरी है बच्चों का वैक्सीनेशन?
- मार्च 2020 में जब कोरोना आया था, उसके बाद से ही बच्चों के स्कूल बंद कर दिए गए थे. पहली लहर और दूसरी लहर के शांत होने के बाद स्कूल खुले भी तो ज्यादा बच्चे नहीं गए. जो बच्चे स्कूल गए, उनके संक्रमित होने का खतरा भी बढ़ा. देशभर के कई राज्यों से स्कूलों में बच्चों के कोरोना पॉजिटिव होने के मामले सामने आए.
- बुधवार को ही पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में ही एक स्कूल में 29 बच्चे कोरोना पॉजिटिव मिले हैं. ये बच्चे 9वीं और 10वीं क्लास के हैं. 18 दिसंबर को ही नवी मुंबई के घंसोली में स्थित एक स्कूल के 8वीं से 11वीं क्लास के 16 बच्चे पॉजिटिव मिले थे.
- मेदांता अस्पताल के चेयरमैन डॉ. नरेश त्रेहान ने आजतक से कहा था कि स्कूलों में भले ही प्रिकॉन्शन अपनाए जा रहे हों, लेकिन छोटे बच्चों के लिए कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर को मेंटेन करवाना मुश्किल है. इसलिए बच्चों का वैक्सीनेशन होगा तो पैरेंट्स का कॉन्फिडेंस भी बढ़ेगा और दोबारा स्कूलों को खोला जा सकेगा. इसके अलावा अगर बच्चे संक्रमित होते हैं तो उससे घर के दूसरे बड़े-बुजुर्गों के भी संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए भी बच्चों का वैक्सीनेशन जरूरी है.
बच्चों के वैक्सीनेशन के लिए भारत में क्या हुआ?
- कोवैक्सीन का ट्रायलः इस साल जून-जुलाई में भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन का ट्रायल 2 से 18 साल के बच्चों पर किया था. बताया गया कि बच्चों पर वैक्सीन असरदार साबित हुए. अक्टूबर में भारत बायोटेक ने ट्रायल का डेटा सरकार को भी सौंप दिया. लेकिन अभी तक इसे मंजूरी नहीं मिली है.
- जायकोव-डी को मंजूरीः सितंबर में ही सरकार ने जायडस कैडिला की वैक्सीन जायकोव-डी को मंजूरी तो दे दी, लेकिन फिर भी बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू नहीं हो पाया है. हालांकि, अब ऐसा कहा जा रहा है कि यूपी और बिहार समेत कई राज्यों के बच्चों को जायकोव-डी लगाई जाएगी. ये वैक्सीन 12 से ऊपर के लोगों को लगाई जाएगी.
- 6 महीने में SII की वैक्सीनः सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने पिछले हफ्ते ही बताया था कि 3 से 18 साल के बच्चों के लिए वैक्सीन अगले 6 महीने आ जाएगी. उन्होंने बताया था कि कोवोवैक्सीन का ट्रायल दूसरे फेज में है.
पर अब, कमेटी कह रही- बच्चों को वैक्सीन की जरूरत नहीं
दूसरी लहर के समय लग रहा था कि इस साल बच्चों का वैक्सीनेशन भी शुरू हो जाएगा, लेकिन अब सरकार का कहना है कि बच्चों को वैक्सीन की अभी जरूरत नहीं है. कोविड वैक्सीन पर सरकार की एडवाइजरी कमेटी NTAGI केंद्र को सलाह दी है कि बच्चों को खतरा कम दिख रहा है, इसलिए उनके वैक्सीनेशन को प्राथमिकता देने की जरूरत नहीं है. कमेटी ने कहा है कि बच्चों को बाद में भी वैक्सीन दी जा सकती है.