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डॉक्टर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स को न लगती वैक्सीन तो दूसरी लहर में कितनी मुश्किल होतीः पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए सोमवार को भारत के कोरोना संकट पर देश को संबोधित किया. पीएम मोदी ने वैक्सीनेशन मिशन की जरूरत पर कहा कि अगर डॉक्टर, फ्रंटलाइन वर्कर्स को सही समय पर वैक्सीन नहीं लगती तो दूसरी लहर में बेहद मुश्किल होती.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का देश के नाम संबोधन.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का देश के नाम संबोधन.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पीएम मोदी का कोरोना पर देश को संबोधन
  • वैक्सीनेशन पर पीएम मोदी का रहा जोर
  • डॉक्टर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स को पीएम ने सराहा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि डॉक्टर और फ्रंट लाइन वर्कर्स को अगर वैक्सीन नहीं लगती तो कोरोना की दूसरी लहर के खिलाफ लड़ाई मुश्किल होती. प्रधानमंत्री ने मोदी ने कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहे देश की मौजूदा स्थिति पर चर्चा की. उन्होंने डॉक्टरों  और फ्रंट लाइन वर्कर्स की तारीफ भी की.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अगर दूसरी लहर से पहले फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन नहीं लगती तो बहुत बड़ा संकट हो जाता. वैक्सीन हमारे लिए सुरक्षा कवच की तरह है . आज पूरे विश्व में वैक्सीन के लिए जो मांग है, उसकी तुलना में उत्पादन करने वाले देश और वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां बहुत कम हैं. कल्पना करिए कि अभी हमारे पास भारत में बनी वैक्सीन नहीं होती तो आज भारत जैसे विशाल देश में क्या होता?

पीएम मोदी ने यह भी कहा कि पिछले काफी समय से देश लगातार जो प्रयास और परिश्रम कर रहा है, उससे आने वाले दिनों में वैक्सीन की सप्लाई और भी ज्यादा बढ़ने वाली है. उन्होंने कहा कि आज देश में 7 कंपनियां, विभिन्न प्रकार की वैक्सीन्स का प्रोडक्शन कर रही हैं. तीन और वैक्सीन्स का ट्रायल भी एडवांस स्टेज में चल रहा है.

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टीकाकरण को हासिल करने में लगते 40 साल!

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पीएम मोदी ने कहा कि आप पिछले 50-60 साल का इतिहास देखेंगे तो पता चलेगा कि भारत को विदेशों से वैक्सीन प्राप्त करने में दशकों लग जाते थे. विदेशों में वैक्सीन का काम पूरा हो जाता था तब भी हमारे देश में वैक्सीनेशन का काम शुरू नहीं हो पाता था.

पोलियो की वैक्सीन हो, चेचक की वैक्सीन हो, हेपेटाइटिस बी की वैक्सीन हो, इनके लिए देशवासियों ने दशकों तक इंतजार किया था. हमारी दृष्टि में ये चिंता की बात थी. जिस रफ्तार से भारत का टीकाकरण चल रहा था, उस हिसाब से देश को शत-प्रतिशत टीकाकरण कवरेज का लक्ष्य हासिल करने में करीब 40 साल लग जाते. 

ऑक्सीजन संकट पर भी बोले पीएम!

पीएम मोदी ने ऑक्सीजन संकट का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान अप्रैल और मई के महीने में भारत में मेडिकल ऑक्सीजन की डिमांड अकल्पनीय रूप से बढ़ गई थी. भारत के इतिहास में कभी भी इतनी मात्रा में मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरत महसूस नहीं की गई.

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