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'कोविशील्ड' के बाद स्वदेशी वैक्सीन 'COVAXIN' को मिली मंजूरी, इमरजेंसी इस्तेमाल को हरी झंडी

कोरोना के खिलाफ जंग में भारत को बड़ी कामयाबी मिली है. देश को पहली स्वदेशी कोरोना वैक्सीन मिल गई है. एक्सपर्ट कमेटी ने भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन 'कोवैक्सीन' को आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है.

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कोरोना वैक्सीन (प्रतीकात्मक चित्र)
कोरोना वैक्सीन (प्रतीकात्मक चित्र)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 'कोवैक्सीन' को मिली इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी
  • पहली स्वदेशी कोरोना वैक्सीन है 'कोवैक्सीन'
  • इससे पहले 'कोविशील्ड' को मिली थी मंजूरी

कोरोना वायरस महामारी के बीच सभी को इसकी वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) का बेसब्री से इंतजार है. ऐसे में कोरोना के खिलाफ जंग में भारत को बड़ी कामयाबी मिली है. दरअसल, देश को पहली स्वदेशी कोरोना वैक्सीन मिल गई है. एक्सपर्ट कमेटी ने भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन 'कोवैक्सीन' के इमरजेंसी (आपातकालीन) इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है. फिलहाल, ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) कोविड-19 वैक्सीन पर रविवार (3 जनवरी) सुबह 11 बजे बयान जारी कर जानकारी देगा. 

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'कोवैक्सीन' के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी

असल में, शनिवार (2 जनवरी) को देश में कोरोना वैक्सीन को मंजूरी देने की सिफारिश करने वाले सरकारी एक्सपर्ट (SEC) के एक पैनल ने बैठक की. इसमें भारत बायोटेक द्वारा विकसित वैक्सीन 'कोवैक्सीन' के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दे दी गई. मालूम हो कि यह भारत की पहली ऐसी कोविड-19 वैक्सीन है, जिसे ICMR के सहयोग से देश में ही विकसित किया गया है.

देश की दूसरी वैक्सीन

गौरतलब है कि 'कोवैक्सीन' देश की दूसरी वैक्सीन है, जिसको इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिली है. जबकि, मंजूरी पाने वाली 'कोवैक्सीन' भारत की पहली वैक्सीन है. यानी कि ये पहली स्वदेशी वैक्सीन है. एक दिन पहले (1 जनवरी) ऑक्सफोर्ड एस्ट्रेजेनेका की कोरोना वैक्सीन 'कोविशील्ड' के इमरजेंसी इस्तेमाल को एक्सपर्ट पैनल ने मंजूरी दी थी. 'कोविशील्ड' को भारत में सीरम इंस्टीट्यूट प्रोड्यूस कर रहा है. कहा जा रहा है कि सीरम इंस्टीट्यूट के पास पहले से ही भारी मात्रा में वैक्सीन के डोज उपलब्ध हैं. फिलहाल, ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से अप्रूवल मिलने के बाद 'कोवैक्सिन' और 'कोविशील्ड' दोनों वैक्सीन का इस्तेमाल शुरू हो जाएगा.  

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वैक्सीनेशन के लिए 'ड्राई रन' 

बता दें कि 2 जनवरी से देश के कई राज्यों में कोरोना वैक्सीन का ड्राई रन किया जा रहा है. हाल ही में पंजाब, असम, गुजरात और आंध्र प्रदेश में ड्राई रन किया गया था, जिसके रिजल्ट काफी सकारात्मक रहे थे. ड्राई रन, एक तरह से असली वैक्सीन को लाने-ले जाने और रखरखाव की नकली प्रक्रिया है. लेकिन, इस प्रक्रिया में जितने भी स्टेप असली दवा के लिए उठाए जाते हैं, उतने ही काम दूसरी दवा के लिए किए जाते हैं. ताकि तैयारियों का अनुमान लगाया जा सके.

सुब्रह्मण्यम स्वामी ने उठाए सवाल

वहीं, इस मसले पर बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने ट्वीट कर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि, 'भारत बायोटेक एक स्वदेशी कंपनी है, जो पहले ही फेज-III में 13, 000 लोगों पर ट्रायल कर चुकी है. जबकि, अंग्रेजी वैक्सीन का ट्रायल केवल 1200 लोगों पर किया गया है. लेकिन फिर भी उसे ठेका मिला और स्वदेशी खाई में.' 
 

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