scorecardresearch
 

Unemployment in India: देश में हर छठा ग्रेजुएट बेरोजगार, अनपढ़ों में एक फीसदी से भी कम बेरोजगारी

केंद्र सरकार ने लोकसभा में बताया है कि अनपढ़ लोगों की तुलना में पढ़े-लिखे लोगों में बेरोजगारी दर कहीं ज्यादा है. अनपढ़ लोगों में बेरोजगारी दर 0.6% है, जबकि ग्रेजुएट लोगों में बेरोजगारी दर का आंकड़ा 17 फीसदी से भी कहीं ज्यादा है.

Advertisement
X
ग्रेजुएट युवाओं में बेरोजगारी दर देश में सबसे ज्यादा है. (फाइल फोटो-PTI)
ग्रेजुएट युवाओं में बेरोजगारी दर देश में सबसे ज्यादा है. (फाइल फोटो-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • ग्रेजुएट लोगों में बेरोजगारी दर 17% से ज्यादा
  • 2019-20 में देश में बेरोजगारी दर 4.8% रही

Unemployment in India: देश में कोरोना संक्रमण ने बेरोजगारी पर कितना असर डाला है, इसका पता सरकार के आंकड़ों से चलता है. लोकसभा में एक सवाल के जवाब में सरकार ने लॉकडाउन से पहले और बाद के कर्मचारियों की संख्या का आंकड़ा दिया है. इसके मुताबिक, कोरोना संक्रमण की पहली लहर को काबू में करने के लिए लगाए गए लॉकडाउन की वजह से करीब 27 लाख लोगों की नौकरियां चली गई थीं.

Advertisement

श्रम और रोजगार राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने लोकसभा में बताया है कि उत्पादन और निर्माण जैसे 9 क्षेत्रों में 25 मार्च 2020 से पहले 3.07 करोड़ कर्मचारी काम कर रहे थे. 1 जुलाई 2020 को इन्हीं 9 क्षेत्रों में कर्मचारियों की संख्या घटकर 2.84 करोड़ हो गई. यानी पहले लॉकडाउन में 23 लाख लोगों की नौकरियां चली गईं. जिनकी नौकरियां गईं, उनमें 16.3 लाख पुरुष और 6.7 लाख महिला कर्मचारी थीं. 

ये भी पढ़ें-- Unemployment in India: बेरोजगारी से देश का हुआ बुरा हाल, घर बैठे 5 करोड़ से ज्यादा लोग

पढ़े-लिखे और अनपढ़ों में ज्यादा बेरोजगार कौन?

- बीजेपी सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री देबाश्री चौधरी ने पढ़े-लिखे युवाओं में बेरोजगारी दर से जुड़े आंकड़े मांगे थे. इस पर श्रम और रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने जवाब दिया.

- उन्होंने पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे (PLFS) के तीन साल के आंकड़े दिए हैं. इसके मुताबिक, पढ़े-लिखे युवाओं में अनपढ़ युवाओं की तुलना में बेरोजगारी दर ज्यादा है. 

Advertisement

- इन आंकड़ों के मुताबिक, ग्रेजुएशन कर चुके युवाओं में बेरोजगारी दर सबसे ज्यादा है. PLFS के 2019-20 के सर्वे के मुताबिक, ग्रेजुएट युवाओं में बेरोजगारी दर 17.2% है, जबकि अनपढ़ युवाओं में बेरोजगारी दर 0.6% है.

- अनपढ़ युवाओं की तुलना में पढ़े-लिखे युवाओं में ज्यादा बेरोजगारी दर के पीछे जानकारों का मानना है कि अनपढ़ या कम पढ़े-लिखे लोग अपना छोटा-मोटा काम शुरू कर देते हैं, जबकि पढ़े-लिखे युवा अपनी योग्यता के आधार पर काम तलाशते हैं, जिस कारण उनमें बेरोजगारी दर ज्यादा होती है.

बेरोजगारी पर कोरोना का कितना असर?

कोरोना संक्रमण ने भारत में बेरोजगारी दर जमकर बढ़ाई. पीएलएफएस के सर्वे के मुताबिक, अक्टूबर से दिसंबर 2019 की तिमाही में भारत में बेरोजगारी दर 7.9% थी. ये वो वक्त था जब कोरोना नहीं आया था. लेकिन अगली तिमाही में कोरोना का संक्रमण आ चुका था. लिहाजा जनवरी से मार्च 2020 के बीच बेरोजगारी दर बढ़कर 9.1% के पार पहुंच गई. 

कोरोना को काबू करने के लिए पहली लहर में अप्रैल से जून के बीच सख्त लॉकडाउन लगा रहा. आर्थिक गतिविधियां बंद हो गई थीं. इस वजह से बेरोजगारी दर बढ़कर करीब 21% पर आ गई. हालांकि, जब अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हुई तो बेरोजगारी दर में थोड़ी कमी भी आई. जुलाई से सितंबर 2020 के बीच बेरोजगारी दर 13.3% और अक्टूबर से दिसंबर 2020 के बीच घटकर 10.3% रही. 

Advertisement

लेकिन जब कोरोना की दूसरी लहर आई तो इसने बेरोजगारी दर फिर बढ़ा दी. अप्रैल से जून 2021 तिमाही में बेरोजगारी दर 12.7 रही, जबकि इससे पहले जनवरी से मार्च तिमाही में ये दर 9.4% थी. लेकिन दूसरी लहर के बाद हालात जैसे ही काबू में आए तो बेरोजगारी दर फिर कम होकर 9.8% पर आ गई.

पीएलएफएस के सर्वे में एक बड़ी बात ये भी देखने को मिलती है कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में बेरोजगारी दर ज्यादा है. पिछली 7 तिमाही के आंकड़ें देखें तो पता चलता है कि महिलाओं में बेरोजगारी दर पुरुषों से ज्यादा ही रही. सबसे ताजा आंकड़े जुलाई से सितंबर 2021 तिमाही के हैं. इस तिमाही में पुरुषों में बेरोजगारी दर 9.3% थी तो वहीं महिलाओं में ये दर 11.6% रही थी.

 

Advertisement
Advertisement