नए संसद भवन और उपराष्ट्रपति एन्क्लेव के निर्माण में स्टील और सीमेंट जैसी जरूरी चीजों की बढ़ती कीमत और मजदूरी में वृद्धि और GST की दरों में बढ़ोतरी के कारण लागत बढ़ गई हैं. ये जानकारी गुरुवार को लोकसभा में दी गई है.
गुरुवार को एक सवाल का लिखित जवाब देते हुए केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के राज्य मंत्री तोखन साहू ने कहा कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत विजय चौक से भारत तक सेंट्रल विस्टा एवेन्यू का पुनर्विकास और संसद की नई बिल्डिंग और वीपी एन्क्लेव का निर्माण पहले ही पूरा हो चुका है.
'मई में पूरा हो जाएगा बिल्डिंगों का निर्माण'
शहरी मामलों के राज्य मंत्री ने कहा कि कॉमन सेंट्रल सेक्रेटेरिएट (CSS) के तहत तीन बिल्डिंगों का निर्माण इस साल मई में पूरा हो जाएगा. इन बिल्डिंगों का निर्माण उस भूखंड पर किया जा रहा है, जहां पहले इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र था. प्लान के अनुसार, कॉमन सेंट्रल सेक्रेटेरिएट में कई मंत्रालय का ऑफिस होंगे. जिसमें 10 ऑफिस और एक केंद्रीय सम्मेलन केंद्र शामिल होगा.
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की मौजूदा स्थिति और लागत में वृद्धि के बारे में तृणमूल कांग्रेस सांसद माला रॉय के सवाल का जवाब में साहू ने कहा कि सीसीएस प्रोजेक्ट के तहत एक और बिल्डिंग का निर्माण अगले साल अप्रैल 2026 तक पूरा हो जाएगा.
12% से 18% हुई GST दर
मंत्री ने कहा कि 1 जुलाई, 2022 को जीएसटी दर 12 प्रतिशत से 18 प्रतिशत तक बढ़ने और कार्य निष्पादन की अवधि के दौरान स्टील, सीमेंट के साथ-साथ श्रम मजदूरी की कीमतों में वृद्धि के कारण नए संसद भवन और उपराष्ट्रपति एन्क्लेव की लागत में बढ़ोतरी हुई है.
उन्होंने कहा कि अन्य कारणों में कार्य के निष्पादन के दौरान सुरक्षा एजेंसियों द्वारा तय किए गए अतिरिक्त सुरक्षा प्रावधान और नए संसद भवन के लिए भूकंप क्षेत्र V के अनुसार संरचना के डिजाइन को देखते हुए बदलाव शामिल हैं. हालांकि, मंत्री के लिखित उत्तर में प्रोजेक्ट लागत में वृद्धि का कोई उल्लेख नहीं था.
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मई 2023 में नए संसद भवन का उद्घाटन किया. वहीं, पिछले साल अप्रैल में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ संसद भवन परिसर के पास चर्च रोड पर वीपी एन्क्लेव में चले गए थे.