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नवंबर में दिल्ली ने दैनिक नए कोविड-19 केसों में जो बढ़ोतरी देखी है, वो सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया के किसी भी शहर की तुलना में दैनिक नए केसों को लेकर अब तक की संभवत: सबसे खराब स्थिति है. जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी (JHU) में स्थित सेंटर फॉर सिस्टम्स साइंस एंड इंजीनियरिंग (CSSE) ने दुनिया के उन सभी देशों का डेटा संकलित किया, जो कोविड-19 केसों को रिपोर्ट कर रहे हैं. लेकिन अलग-अलग शहरों के डेटा को दुनिया के सबसे अधिक प्रभावित देशों की आधिकारिक वेबसाइट्स से ही लेकर संकलित किया जा सकता है.
इंडिया टुडे डेटा इंटेलीजेंस यूनिट (DIU) ने इन देशों के उपलब्ध डेटा का विश्लेषण किया तो सामने आया कि इस महीने की शुरुआत के बाद से कई दिनों पर दिल्ली के दैनिक कोविड आंकड़ों की स्थिति काफी चिंता वाली है. ये आंकड़े दुनिया भर में किसी भी शहर की ओर से देखे गए सबसे बुरे 10 दिनों के आंकड़ों में शामिल हैं.
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दैनिक नए केसों के ऊंचे आंकड़े वाले दिनों की बात की जाए तो ब्राजील का साओ पाउलो शहर ही दिल्ली के कहीं करीब टिकता है. अगस्त के महीने में तेज बढ़ोतरी के दौरान साओ पाउलो ने ये दिन देखे. न्यूयॉर्क में अप्रैल के महीने में तेज बढ़ोतरी के दौरान ऐसे कई दिन देखे जब 5,000 से अधिक केस रिपोर्ट हुए. लेकिन 11 नवंबर को दिल्ली ने जो 8,593 नए केस देखे, उतने दुनिया के किसी भी और शहर ने एक दिन में नहीं देखे.
दिल्ली में 10 नवंबर को 7,830, 13 नवंबर को 7,802 और 8 नवंबर को 7,745 केस रिपोर्ट हुए. अमेरिका की काउंटीज की बात की जाए तो टेक्सास ने 21 सितंबर को 10,000 से अधिक केस रिपोर्ट किए लेकिन ये ऊंचा आंकड़ा बैकलॉग रिपोर्टिंग की वजह से था. ब्राजील के शहरों में साओ पाउलो के बाद रियो डी जनेरियो अगले स्थान पर आता है, लेकिन ये साओ पाउलो या दिल्ली के आंकड़ों की तुलना नहीं कर सकता.
न्यूयॉर्क और साओ पाउलो भी पीछे
अलग-अलग दिनों की गणना भ्रामक हो सकती है- एक दिन का उछाल शहर के ओवरऑल ट्रेंड की गलत नुमाइंदगी कर सकता है. और तुलनात्मक रूप से ऊंचे आंकड़े वाले दिन ऐसा आभास दे सकते हैं कि सबसे अधिक प्रभावित शहरों में आउटब्रेक तुलनात्मक आकार के थे. लेकिन अगर ये शहर अलग-अलग दिनों पर तुलनात्मक हों तो दिल्ली के सतत मौजूदा उछाल ने न्यूयॉर्क शहर और साओ पाउलो को पीछे छोड़ दिया है.
मौजूदा स्थिति में दिल्ली में दैनिक नए मामलों का औसत 7,341 है, जो अपने-अपने शिखरों के दौरान न्यूयॉर्क (5,291) और साओ पाउलो (3,217) की तुलना में कहीं अधिक है. दिल्ली में केसों की वृद्धि के साथ, रिपोर्ट होने वाली मौतों का ऊंचा आंकड़ा भी चिंता का विषय है. हालांकि औसत दैनिक मृत्यु दर पहली लहर की तुलना में कम है. दिल्ली की यह स्थिति ऐसे वक्त में सामने आई है जब देश में और कहीं भी, साथ ही यूरोप और अमेरिका में भी, मृत्यु दर नीचे आ रही है. यूरोप और अमेरिका अब दूसरी लहर देख रहे हैं.
दिल्ली का सात दिवसीय औरसत 87
हालांकि, दिल्ली को मौजूदा स्थिति में मृत्यु दर में जिस वृद्धि का सामना है, वो अभी भी न्यू यॉर्क की उस मृत्यु दर से कम है जो उसने महामारी की शुरुआत में देखी थी. दिल्ली की मौजूदा सात-दिवसीय औसत 87 है, जून के मध्य में ये 133 के अपने उच्च स्तर तक पहुंच गई थी. अपने शिखर पर, न्यूयॉर्क सिटी में अप्रैल की शुरुआत में दैनिक मृत्यु का औसत 567 था. साओ पाउलो का जहां तक सवाल है तो ये औसत जून में 110 था.
दिल्ली जो देख रही है वो दुनिया के किसी भी शहर के लिए सबसे ऊंचा उछाल हो सकता है, लेकिन ये दुनिया में सबसे घातक होने से अब भी दूर है.