देश में कोरोना महामारी से सिर्फ आम इंसान ही नहीं बल्कि उन खास इंसानों ने भी अपनी जान गंवा दी जो दिन-रात 24 घंटे आपकी और हमारी जान बचाने में जुटे रहे हैं. कोरोना महामारी के चलते देश ने कई होनहार डॉक्टरों को खो दिया. देश में फ्रंटलाइन पर आज भी ये डॉक्टर कोरोना का शिकार हो रहे हैं और अपनी जान गंवा रहे हैं.
हाल के दिनों में कोरोना की वजह से कुछ डॉक्टरों की जान चली गई है. डॉ. शेखर अग्रवाल इनमें बड़ा और चर्चित नाम हैं.
डॉ. शेखर अग्रवाल- डॉ. शेखर अग्रवाल मशहूर ऑर्थोपेडिक सर्जन जिन्होंने 2 दिन पहले कोरोना से जान गंवा दी. 10 दिन पहले डॉ. शेखर, कोरोना संक्रमण का शिकार हुए थे. अस्पताल का स्टाफ दुखी है. मरीजों और स्टाफ के बीच उनका एक ऐसा गहरा रिश्ता था जो आज हर कोई उनको याद कर रहा है.
35 साल से ज्यादा उनको तजुर्बा था. 10 साल उन्होंने इंग्लैंड में बिताए. डॉ. अग्रवाल तमिलनाडु के प्रतिष्ठित डॉ एमजीआर मेडिकल यूनिवर्सिटी में एक विजिटिंग प्रोफेसर थे और इंडियन सोसाइटी ऑफ हिप एंड नी सर्जन (ISKHS) के उपाध्यक्ष थे, जिसमें वे एक संस्थापक सदस्य थे.
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डॉ. यूसुफ बिसवाल- 64 साल की उम्र और बेशुमार तजुर्बे वाले डॉ. बिसवाल की गुरुवार को कोरोना से मौत हो गई. डॉ. बिसवाल हिन्दू राव हॉस्पिटल के अंदर सीनियर सर्जन रहे. उसके बाद दिल्ली के मौलाना आज़ाद मेडिकल कॉलेज में कार्यरत थे. मौलाना आज़ाद के डॉक्टर बताते हैं कि उनके बगैर आज सब कुछ अधूरा है.
डॉ. अनिल बहल- दो दिन पहले ही डॉक्टर अनिल बहल भी कोरोना ने जंग हर गए. दिल्ली नगर निगम के अंतर्गत आने वाले हिन्दू राव हॉस्पिटल में डॉक्टर अनिल पिछले कई सालों से काम कर रहे थे. सीनियर एन्थिसिया हेड रहे डॉक्टर अनिल, मई की शुरुआत में कोरोना संक्रमण का शिकार हुए और हिन्दू राव में आईसीयू में एडमिट थे.
हिंदू राव हॉस्पिटल के डॉक्टरों की मानें तो डॉ. अनिल अपने स्टूडेंट को अपने बच्चों की तरह रखते थे. हिंदू राव में टीचर रहे और हिंदू राव हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली. जानकारी के मुताबिक डॉक्टर अनिल ने कोरोना वैक्सीन का एक डोज़ भी ले रखा था.
हालांकि अगर बात करें पिछले साल के मुकाबले इस साल कम डॉक्टर कोरोना का शिकार हुए हैं. जिन डॉक्टरों को वैक्सीन का डोज़ मिला हुआ है वो कम शिकार हुए. अगर संक्रमित भी हुए तो ठीक हो गए.
पिछले साल जब कोरोना की लहर दिल्ली में आई थी उस वक्त एलएनजेपी के सीनियर डॉक्टर डॉक्टर असीम कोरोना से निधन हो गए था. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उनके परिवार से मिलकर उनको सहानुभूति भी दी थी.