देश में चीन से फैला कोरोना वायरस संक्रमण का पहला मामला केरल में 30 जनवरी 2020 को सामने आया था और इसके अगले ही दिन 31 जनवरी 2020 को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे अंतरराष्ट्रीय आपदा घोषित किया था.
लेकिन इस महामारी से निपटने के लिए वैक्सीन की खोज भी जल्द कर ली गई. भारत इसमें प्रमुख रहा है. देश में आज से कोरोना वैक्सीन की शुरुआत की गई. टीकाकरण अभियान शुरू करते हुए पीएम मोदी ने देश को संबोधित किया.
पीएम मोदी ने कोरोना वैक्सीन की डोज को लेकर असावधानी न बरतने की सलाह दी. पीएम ने कहा, 'मैं ये बात फिर याद दिलाना चाहता हूं कि कोरोना वैक्सीन की दो डोज लगनी बहुत जरूरी है. पहली और दूसरी डोज के बीच, लगभग एक महीने का अंतराल भी रखा जाएगा. दूसरी डोज लगने के 2 हफ्ते बाद ही आपके शरीर में कोरोना के विरुद्ध जरूरी शक्ति विकसित हो पाएगी.'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जैसा धैर्य आपने कोरोना काल में दिखाया था, वैसा ही धैर्य आप वैक्सीनेशन के समय भी दिखाएं. पीएम ने कहा कि वैक्सीनेशन के बाद भी शारीरिक दूरी और मास्क जरूरी होगा.
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज के दिन का पूरे देश को बेसब्री से इंतजार था. कितने महीनों से देश के हर घर में बच्चे, बूढ़े, जवान सभी की जुबान पर ये सवाल था कि कोरोना वैक्सीन कब आएगी. अब वैक्सीन आ गई है, बहुत कम समय में आ गई है.
उन्होंने कहा कि देश में टीकाकरण अभियान शुरू हो रहा है. मैं सभी देशवासियों को इसके लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं. भारत का टीकाकरण अभियान बहुत ही मानवीय और महत्वपूर्ण सिद्धांतों पर आधारित है. जिसे सबसे ज्यादा जरूरत है, उसे सबसे पहले कोरोना का टीका लगेगा.
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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इतिहास में इतने बड़े स्तर का टीकाकरण अभियान पहले कभी नहीं चलाया गया है. दुनिया के 100 से भी ज्यादा ऐसे देश हैं जिनकी जनसंख्या 3 करोड़ से कम है. और भारत वैक्सीनेशन के अपने पहले चरण में ही 3 करोड़ लोगों का वैक्सीनेशन कर रहा है.
पीएम ने बाताया कि दूसरे चरण में हमें इसको 30 करोड़ की संख्या तक ले जाना है. जो बुजुर्ग हैं, जो गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं, उन्हें इस चरण में टीका लगेगा. आप कल्पना कर सकते हैं, 30 करोड़ की आबादी से ऊपर के दुनिया के सिर्फ तीन ही देश हैं- खुद भारत, चीन और अमेरिका.