स्कॉटलैंड में की गई एक स्टडी से पता चला है कि कोविड-19 से संक्रमित 20 में से एक शख्स अभी तक पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाया है. इसके साथ ही कोरोना से संक्रमित हर 10 में से चार मरीजों का कहना है कि वे कोरोना संक्रमित होने के कई महीनों बाद भी अभी तक पूरी तरह से उबर नहीं पाए हैं.
दस हजार लोगों पर स्टडी
नेचर कम्युनिकेशंस पत्रिका में बीते हफ्ते इस स्टडी को प्रकाशित किया गया था. यह स्टडी दस हजार लोगों पर की गई, जिसमें शोधकर्ताओं ने लंबे समय तक कोरोना के जोखिमों का अध्ययन किया. स्टडी में कहा गया कि जिन लोगों में कोरोना के पहले भी लक्षण नजर आ चुके हैं, उनमें सांस लेने में बेचैनी, दिल का तेजी से धड़कना और ध्यान लगाने में दिक्कत जैसे लक्षणों की दर असंक्रमित लोगों की तुलना में तीन गुना अधिक है.
स्टडी में शामिल 10 में से चार लोगों ने बताया कि कोरोना संक्रमित होने का कई महीनों बाद भी वे पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाए हैं.
स्टडी बताती है कि इन मरीजों ने दिल, श्वास संबंधी समस्याओं, मांसपेशियों में दर्द, मानसिक तनाव और सेंसरी सिस्टम से जुड़ी 20 से अधिक समस्याओं का सामना किया है. हालांकि, स्टडी में ऐसे कोरोना संक्रमित लोगों की लॉन्ग टर्म समस्याओं से जुड़े जोखिमों को रेखांकित नहीं किया गया, जिनमें कोरोना के लक्षण नजर नहीं आए.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक टेड्रोस का कहना है कि वैश्विक स्तर पर यह स्थिति लोगों की जिदंगी और उनकी आजीविका को तबाह कर रही है.
त्योहारी सीजन के बाद कोरोना के मामलों में उछाल की आशंका
वहीं, चीन में कोरोना के नए वेरिएंट के मामले सामने आने के बाद एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी है कि त्योहारी सीजन के बाद कोरोना के मामलों में उछाल आ सकता है.
नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑफ इम्युनाइजेश के चेयरमैन डॉ. एनके अरोड़ा का कहना है, अगले दो से तीन हफ्ते बहुत महत्वपूर्ण है. कोविड-19 का खतरा अभी भी बरकरार है और दुनियाभर के अलग-अलग हिस्सों से कोरोना के नए वेरिएंट सामने आ रहे हैं. त्योहारी सीजन के बाद हमें और अधिक चौकन्ना रहने की जरूरत है.