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अरुणाचल प्रदेश के अंजॉ जिले में अंतरराष्ट्रीय भारत- चीन बॉर्डर के पास से दो युवक लापता हुए हैं. यह दोनों ही युवक अरुणाचल के रहने वाले थे. अब ऐसी आशंका जताई जा रही है कि इनका चीनी सैनिकों (पीएलए) द्वारा अपहरण किया गया है. बताया जा रहा है कि दो युवक चीन की सीमा से लगे राज्य के अंजॉ जिले में औषधीय पौधों की तलाश में निकले थे वे तभी से लापता हो गए हैं.
क्या है मामला?
अंजॉ जिले के गोइलियांग कस्बे के रहने वाले बतिलम टिकरो और बेइंग्सो मन्यु 19 अगस्त को चागलगाम इलाके के लिए निकले थे, लेकिन परिवार के सदस्यों ने 9 अक्टूबर को स्थानीय पुलिस में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी. दरअसल परिवार वालों ने उन्हें खूब खोजा लेकिन दोनों की तलाश का कोई नतीजा नहीं निकला.
सरकार से लगाई मदद की गुहार
युवकों के परिवार के सदस्यों ने अब पुलिस की मदद मांगी है क्योंकि उन्हें शक है कि वे चीन पार कर गए होंगे. परिवार के सदस्यों ने केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकार और भारतीय सेना से भी दोनों का पता लगाने में मदद करने की अपील की.
सीमाओं को हाइलाइट करने की जरूरत
एक सामाजिक कार्यकर्ता तबा ताकू ने केंद्र सरकार से चीन के साथ एक उचित अंतरराष्ट्रीय सीमा का सीमांकन करने का आग्रह किया, क्योंकि अरुणाचल चीन के साथ 1126 किलोमीटर की विशाल सीमा साझा करता है. जो कहीं खुला है, जबकि कहीं प्राकृतिक बर्फ से ढका हुआ है. ताकू ने केंद्र सरकार से सीमावर्ती कस्बों और गांवों को विकसित करने का आग्रह किया ताकि नागरिकों को सीमावर्ती गांवों से कस्बों और शहरों की ओर पलायन करने के लिए मजबूर न किया जाए, क्योंकि खाली जमीन और पहाड़ों पर जाने के लिए एक फिक्स टाइम तय करने की जरूरत है.
'अनजाने में बॉर्डर पार कर जाते हैं युवा'
तबा ताकु ने कहा कि कई बार हमारे युवा जड़ी-बूटियों और सब्जियों की तलाश में गहरे जंगलों में चले जाते हैं. साफ-सुथरी अंतरराष्ट्रीय सीमा को नहीं समझ पाते और अनजाने में चीनी क्षेत्र में प्रवेश कर जाते हैं. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि वहां जमीन का सीमांकन नहीं हुआ है और उनकी कोई सीमा दीवार या रेलिंग नहीं है. ऐसे मामले पहले भी आए हैं जब कुछ युवाओं का PLA सैनिकों ने अपहरण कर लिया हो.
चीन ने पहले भी की है ऐसी हरकत
चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी द्वारा और भारतीय पक्ष के बहुत दबाव के बाद में हमारे अपहृत युवकों को कुछ यातनाओं के बाद छोड़ देते हैं, इसलिए भारतीय सेना द्वारा उचित सीमांकन और नियमित गश्त का अच्छी तरह से अभ्यास किया जाना चाहिए.
(इनपुट- युवराज मेहता)