एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू देश की 15वीं राष्ट्रपति चुनी गईं हैं. उन्होंने विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को हराया. द्रौपदी मुर्मू को 4809 वोटों में 2824 वोट मिले, जबकि यशवंत सिन्हा को 1877 वोट मिले. खास बात ये है कि द्रौपदी मुर्मू को एनडीए के अलावा अन्य दलों ने भी समर्थन दिया. इतना ही नहीं कुछ सांसद और विधायक तो ऐसे हैं, जिन्होंने पार्टी लाइन से हटकर द्रौपदी मुर्मू को वोट किया.
सबसे बड़ा झटका पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए माना जा रहा है. दरअसल, 2024 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर ममता बनर्जी नरेंद्र मोदी के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने में लगी हैं. ममता बनर्जी ने ही इस राष्ट्रपति चुनाव में भी विपक्ष को एकजुट करने के लिए तमाम दलों से बातचीत की थी. हालांकि, कई उम्मीदवारों के नाम पर चर्चा के बाद यशवंत सिन्हा का नाम तय हुआ था. यशवंत सिन्हा कुछ समय पहले ही टीएमसी में शामिल हुए थे. उन्होंने टीएमसी से इस्तीफा देकर राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन भरा था.
ममता की पार्टी में क्रॉस वोटिंग
लेकिन अब बीजेपी का दावा है कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस में भी क्रॉस वोटिंग हुई. बीजेपी नेता अमित मालवीय ने ट्वीट कर बताया कि टीएमसी के 2 सांसद और एक विधायक ने द्रौपदी मुर्मू को वोट किया. इतना ही नहीं टीएमसी के 2 सांसदों और चार विधायकों के वोट भी रद्द हुए हैं. अमित मालवीय ने कहा, खुद को विपक्षी एकता का आधार बताने वाली ममता बनर्जी अपने ही विधायक-सांसदों को साधने में असफल रहीं. वहीं, दूसरी ओर तमाम धमकियों के बावजूद बीजेपी के बंगाल में सभी विधायकों ने द्रौपदी मुर्मू का समर्थन किया.
राष्ट्रपति चुनाव में जमकर हुई क्रॉस वोटिंग
राष्ट्रपति चुनाव में सिर्फ पश्चिम बंगाल ही नहीं अन्य राज्यों में भी जमकर क्रॉस वोटिंग हुई. बीजेपी का दावा है कि द्रौपदी मुर्मू को 125 विधायक और 17 सांसदों ने क्रॉस वोटिंग कर समर्थन किया. बताया जा रहा है कि असम, झारखंड और मध्यप्रदेश में तमाम विपक्षी विधायकों ने एनडीए उम्मीदवार को वोट किया.
किस राज्य में कितनी क्रॉस वोटिंग?
बताया जा रहा है कि असम में 22 विधायक, मध्यप्रदेश में 20 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की. बिहार और छत्तीसगढ़ में 6-6 विधायकों ने जबकि गोवा में चार और गुजरात में 10 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की. आदिवासी चेहरा द्रौपदी मुर्मू को झारखंड में भी विपक्षी विधायकों ने समर्थन दिया, यहां की सत्ताधारी झारखंड मुक्ति मोर्चा पहले ही मुर्मू के समर्थन का ऐलान कर चुकी थी.
मुर्मू को यूपी में सबसे ज्यादा वोट, तो सिन्हा को बंगाल में
द्रौपदी मुर्मू को सबसे ज्यादा वोट यूपी में मिले. वहीं, यशवंत सिन्हा के समर्थन में सबसे ज्यादा वोट पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में मिले. जहां आंध्रप्रदेश, नगालैंड और सिक्किम में सारे वोट द्रौपदी मुर्मू को मिले, तो वहीं, केरल में उन्हें सिर्फ एक विधायक का वोट मिला.