भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे (Bjp Mp) ने सोमवार को लोकसभा में मसला उठाया कि देश में क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए. निशिकांत दुबे ने लोकसभा में शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी पर आधारित इन क्रिप्टोकरेंसी के दुरुपयोग को रोक पाना संभव नहीं है, क्योंकि इस प्रौद्योगिकी का कोई मालिक नहीं होता.
निशिकांत ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी से पूरी दुनिया परेशान है. ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का कोई मालिक नहीं है. ऐसे में इस पर नियंत्रण कैसे हो सकता है. क्रिप्टो को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए.
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए कहा कि वे डार्क नेट तकनीक पर आधारित हैं और इसका इस्तेमाल ड्रग्स, वेश्यावृत्ति और आतंकवाद के लिए किया जाएगा. लोकसभा में शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए उन्होंने 1600 के दशक में हॉलैंड में 'ट्यूलिप उन्माद' के साथ क्रिप्टोकरेंसी के संबंध में देश में मौजूद स्थिति की तुलना की.
गलत कामों के लिए होगा इसका इस्तेमाल
निशिकांत दुबे ने कहा कि 2013-14 से हमारे सदस्य शिवकुमार उदासी यह तर्क देते रहे हैं कि इसे रोका जाना चाहिए, यह डार्क नेट तकनीक पर आधारित है और इसका इस्तेमाल केवल ड्रग्स, वेश्यावृत्ति, आतंकवाद, हथियारों के लिए किया जाएगा. उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया इससे बहुत अधिक परेशान है. आरबीआई (RBI) लगातार कह रहा है कि इस पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगना चाहिए. किसी के पास ब्लॉकचेन तकनीक नहीं है और अगर कोई मालिक नहीं है, तो उसकी गतिविधि को कैसे नियंत्रित किया जाएगा.