भारतीय एयरलाइंस को लगातार हॉक्स कॉल आ रहे हैं. इनमें से ज्यादातर कॉल ऐसे हैं, जिनके तार विदेशों से जुड़े हैं. एयरलाइंस थ्रेट कॉल से निपटने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) तहकीकात कर रही है. एनआईए साइबर विंग इस पूरे मामले की जांच पड़ताल में लगी है. एनआईए के सूत्रों का कहना है कि इन कॉल्स का मकसद न केवल धमकी देना है बल्कि आर्थिक तौर पर भारतीय विमानन सेक्टर को कमजोर करने की भी कोशिश है.
जांच एजेंसियों का कहना है कि त्योहारों के दौरान ऐसे कॉल करने का मकसद एयरपोर्ट जैसी भीड़भाड़ जगह पर अफरा तफरी का माहौल पैदा करना और नुकसान पहुंचाना है. सूत्रों के अनुसार अब तक 15 ऐसे सोशल मीडिया कम्युनिकेशन प्लेटफॉर्म की पहचान की गई है जिनके जरिए ये धमकी भरे कॉल और ईमेल भेजे गए हैं. इनमें वर्चुअल कॉलिंग, ईमेल और नॉर्मल कॉलिंग प्लेटफॉर्म शामिल हैं.
जांच में जुटी एजेंसियां
NIA और अन्य जांच एजेंसियों ने मामले की पड़ताल के दौरान पाया है कि इस तरह के ज्यादातर मैसेज का सोशल मीडिया कम्युनिकेशन ऐड्रेस फेक है. इस पूरे मामले की विस्तृत जांच बम थ्रेट असेसमेंट कमेटी के जरिए की जा रही है और इसमें नेशनल इन्वेस्टिगेटिव एजेंसी अपना पूरा सहयोग दे रही है. भारतीय जांच एजेंसी लोगों की सुरक्षा के लिए पूरे प्रकरण पर नजर बना कर रख रही है और हर एंगल से ऐसे मामलों की जांच कर रही है. इसका मकसद यात्रियों और विमानन हितधारकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है.
दरअसल भारतीय विमानों को लगातार बम की धमकी दी जा रही है, जिसके बाद विमानों की इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ रही है. 27 अक्टूबर को ही अकासा एयरलाइन की बेंगलुरु से गोरखपुर के रास्ते दिल्ली जा रही विमान में बम रखे जाने की सूचना मिली, जिसके बाद गोरखपुर एयरपोर्ट पर फ्लाइट की जांच कराई गई. इस विमान में कुल 174 यात्री सवार थे.