अरब सागर में पनपा चक्रवाती तूफान तेजी से आगे बढ़ रहा है और बहुत गंभीर होने की दिशा में रफ्तार पकड़ रहा है. आईएमडी के मुताबिक, अगले तीन दिनों के दौरान ये उत्तर की ओर बढ़ेगा. आज, 08 जून को सुबह साढ़े पांच बजे चक्रवात बिपरजॉय पूर्व-मध्य अरब सागर के ऊपर लगभग 13.9N और 66.0E पर केंद्रित है और गोवा से लगभग 860 किमी पश्चिम-दक्षिण पश्चिम व मुंबई से 910 किमी दक्षिण-पश्चिम में स्थित है और ये उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ते हुए तेज होगा.
मॉनसून को प्रभावित कर रहा चक्रवात बिपरजॉय
अरब सागर में साल 2023 के पहला प्री मॉनसून तूफान का असर देश के मॉनसून पर भी देखने को मिल रहा है. निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी, स्काईमेट के अनुसार, भारत में मॉनसून की धीमी शुरुआत हो सकती है. स्काईमेट ने यह भी कहा कि "अरब सागर में शक्तिशाली मौसम प्रणाली" मॉनसून के पश्चिमी घाट पर पहुंचने में असर डाल सकता है. मौसम की यहां प्रणालियां मॉनसून को प्रभावित कर सकती हैं. बता दें कि स्काईमेट ने पहले भविष्यवाणी की थी कि मॉनसून 7 जून को केरल में पहुंच सकता है. हालांकि, आईएमडी ने आज यानी 8 जून को मॉनसून के केरल पहुंचने का ऐलान किया है.
किन-किन देशों में होगा चक्रवात बिपरजॉय का असर
मॉनसून की दस्तक में हुई देरी
आसान भाषा में कहा जाए तो स्काईमेट के बयान से ये इशारा मिलता है कि अरब सागर में कम दबाव का सिस्टम बनने के कारण मॉनसून की शुरुआत में देरी हुई है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि बारिश की तादाद कम होगी या मॉनसून देश के अन्य हिस्सों में बहुत देर से पहुंचेगा. आईएमडी ने पहले कहा था कि अल नीनो की स्थिति के बावजूद भारत में मानसून के मौसम में सामान्य वर्षा होने की उम्मीद है.
कैसे रखा गया चक्रवात बिपरजॉय का नाम
बता दें कि भारत में सामान्य मॉनसून आमतौर पर 1 जून को केरल में दस्तक देता है. इससे पहले या बाद में मॉनसून आने को मॉनसून का पूर्व आगमन या मॉनसून में देरी कहा जाता है. सामान्य स्थिति में मॉनसून सीजन करीब 122 दिन का होता है.