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सामने आया साइक्लोन ताउते के कहर का खतरनाक वीडियो, टगबोट वरप्रदा पर सुरक्षित बचे शख्स ने सुनाया मंजर

साइक्लोन ताउते के कहर के बीच अरब सागर में भी जो नाव मौजूद थीं, वहां कई लोगों की जान चली गई. अरब सागर में फंसी टगबोट वरप्रदा पर मौजूद 11 लोगों की जान चली गई, लेकिन इस बड़े संकट के बीच भी दो लोग सुरक्षित रहे. चक्रवात ताउते के संकट को मात देकर लौटे शख्स ने उस मंजर के बारे में बताया है. 

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अरब सागर में फंसी टगबोट वरप्रदा का खतरनाक वीडियो आया सामने
अरब सागर में फंसी टगबोट वरप्रदा का खतरनाक वीडियो आया सामने
स्टोरी हाइलाइट्स
  • साइक्लोन ताउते के और भी वीडियो आए सामने
  • टगबोट वरप्रदा पर फंसे 11 लोगों की हुई मौत
  • अरब सागर के बीच से सिर्फ दो लोग बच पाए

साइक्लोन ताउते ने बीते दिनों महाराष्ट्र, गुजरात में जमकर तबाही मचाई. इस दौरान अरब सागर में भी जो नाव मौजूद थीं, वहां कई लोगों की जान चली गई. अरब सागर में फंसी टगबोट वरप्रदा पर मौजूद 11 लोगों की जान चली गई, लेकिन इस बड़े संकट के बीच भी दो लोग सुरक्षित रहे. चक्रवात ताउते के संकट को मात देकर लौटे शख्स ने उस मंजर के बारे में बताया है. 

टगबोट वरप्रदा के चीफ इंजीनियर फ्रांसिस साइमन (50) और साहेब भूनिया (23) सुरक्षित बच गए थे. साहेब भूनिया ने ही साइक्लोन ताउते (17 मई) के बीच बोट से वीडियो बनाया, जब बाकी लोग भी बोट पर मौजूद थे. वीडियो में साहेब अपने साथी सूरज से कह रहे हैं कि वो पैनिक ना करें. साहेब भूनिया के साथी तो नहीं बच पाए, लेकिन उन्हें क्योंकि लाइफ राफ्ट मिल गई थी, इसलिए वो अपनी जान बचा पाए.

बंगाल के रहने वाले साहेब भूनिया ने इंडिया टुडे को उस मंजर के बारे में बताया. साहेब के मुताबिक, मौसम विभाग की चेतावनी के बाद हम JNPT पोर्ट पहुंच गए थे, जहां एंकर डाल दिया था. लेकिन जब तूफान आया, तो बोट का एंकर भी टूट गया. कुछ देर बाद बोट डूबने लगी और फिर हमने बोट से छलांग लगा दी. 

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साहेब भूनिया ने बताया कि उनके साथी राकेश तैर नहीं पा रहे थे, इसलिए उन्हें बचाया नहीं जा सका. लेकिन जैसे ही मुझे लाइफ राफ्ट मिली, मैं वहां पहुंच गया. साहेब ने बताया कि उन्हें बोट के चीफ इंजीनियर भी दिखे, तब उन्हें भी तुरंत साथ ले लिया.  

तूफान के बीच बोट पर बनाए गए वीडियो के बारे में साहेब भूनिया ने बताया कि बोट के डूबने से पहले ही उन्होंने वीडियो बनाया था. हमने अपने क्रू को बचाने की कोशिश की, उन्हें मोटिवेट किया. लेकिन कई लोग इतनी दूरी तक तैर नहीं पाए. कुछ देर बाद हमने आईएनएस कोलकाता को रेस्क्यू के लिए देखा और वहां तक पहुंच पाए. 

साहेब ने बताया कि उनके साथ जो बाकी क्रू मेंबर्स थे, उनके परिजनों का फोन आ रहा है लेकिन उनके पास कोई जवाब नहीं है. उन्होंने बताया कि शिप के कैप्टन को JNPT पोर्ट में घुसने की इजाजत नहीं मिली थी. समुद्र में पहला नियम जान बचाने का और फिर नियमों का पालन करने का है, लेकिन वैसा हमारे साथ नहीं हो सका था. 
 

आपको बता दें कि साइक्लोन ताउते के कहर के बीच अरब सागर में ही बार्ज पी-305 फंस गया था, जिसमें करीब 273 लोग सवार थे. हालांकि, करीब 180 लोगों को ही सुरक्षित निकाला जा सका था. 
 

 

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