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ओमिक्रॉन की दहशत के बीच कोरोना का नया 'स्ट्रेन' Deltacron कितना खतरनाक? जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट

Omicron Variant in India: ओमिक्रॉन अब तक का सबसे तेजी से फैलने वाला कोरोना वैरिएंट बताया गया है, जबकि डेल्टा ने पिछले साल कई देशों में कहर बरपाया था. ऐसे में इनके मिले-जुले नए वेरिएंट के क्या खतरे होंगे, इसका अनुमान लगाया जा सकता है.

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साइप्रस में डेल्टाक्रॉन के अब तक 25 मरीज पाए गए हैं.
साइप्रस में डेल्टाक्रॉन के अब तक 25 मरीज पाए गए हैं.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • साइप्रस के एक शोधार्थी ने नए स्ट्रैन का पता लगाया है
  • साइप्रस में डेल्टाक्रॉन के अब तक 25 मरीज पाए गए हैं

कोरोना के नए नए रूप सामने आते जा रहे हैं, इससे इस महामारी को लेकर आशंकाएं गहराती जा रही हैं. कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट (Omicron Variant) के खतरे के बीच साइप्रस के एक वैज्ञानिक ने कोरोना के नए स्ट्रेन का पता लगाया है. यह कोरोना के डेल्टा और ओमिक्रॉन वेरिएंट का मिक्स बताया जा रहा है. इसे डेल्टाक्रॉन (Deltacron) नाम दिया गया है. 

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ओमिक्रॉन अब तक का सबसे तेजी से फैलने वाला कोरोना वैरिएंट बताया गया है, जबकि डेल्टा ने पिछले साल कई देशों में कहर बरपाया था. ऐसे में इनके मिले-जुले नए वैरिएंट के क्या खतरे होंगे, इसका अनुमान लगाया जा सकता है. 

साइप्रस के शोधकर्ता ने इस सप्ताह अपने निष्कर्ष GISAID को भेजे हैं. GISAID एक अंतरराष्ट्रीय डेटाबेस है, जो वायरस को ट्रैक करता है. इंटरनेशनल मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक साइप्रस को अब तक डेल्टाक्रॉन के 25 मामले मिले हैं. हालांकि किसी भी देश ने अब तक इसकी पुष्टि नहीं की है. 

साइप्रस विश्वविद्यालय में जैव प्रौद्योगिकी और मॉलिक्यूलर वायरोलॉजी की प्रयोगशाला के प्रमुख डॉ. लियोनडिओस कोस्त्रिकिस ने कहा कि अस्पताल में भर्ती रोगियों के बीच म्यूटेशन की फ्रीक्वेंसी अधिक थी और यह नए वैरिएंट और अस्पताल में भर्ती होने के बीच संबंध की इशारा करता है.

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यह वैरिएंट डेल्टा से कितना अलग?
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि इस नए वैरिएंट का जेनेटिक बैकग्राउंड डेल्टा के ही समान है. इसके साथ ही इसमें ओमिक्रॉन के कुछ म्यूटेशन पाए गए हैं. साइप्रस के स्वास्थ्य मंत्री मिखलिस हदीपेंटेलस ने कहा कि नए वैरिएंट को लेकर फिलहाल किसी भी तरह की चिंता करने की जरूरत नहीं है.

डेल्टाक्रॉन पर कुछ वायरोलॉजिस्ट का कहा है कि यह कोई नया वैरिएंट नहीं है. इसमें वायरस के फाइलोजेनेटिक ट्री पर ट्रेस या प्लॉट नहीं किया जा सकता है. बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, मॉलिक्यूलर इम्यूनोलॉजी एंड वायरोलॉजी के प्रोफेसर सुनीत के सिंह ने कहा, "यह एक आरएनए वायरस की प्रकृति में है. जैसे कि SARS-COV-2 विशेष रूप से उत्परिवर्तित करने के लिए एक श्वसन प्रकृति का है. जबकि हमें कई उत्परिवर्तन मिल सकते हैं, इसके पुनः संयोजक रूपों को संसाधित करने की आवश्यकता होती है. यह इतना खतरनाक साबित नहीं होगा."

भारत में तेजी से बढ़ रहे कोरोना के मामले
इस समय भारत समेत पूरी दुनिया कोरोना के ओमीक्रोन वैरिएंट (Omicron Variant) से जूझ रही है. भारत में रविवार को कोरोना के 1,59,632 नए मामले सामने आए हैं. स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में कोरोना के 2 लाख से ज्यादा मामले सामने आ सकते हैं.

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