दलाई लामा (Dalai Lama) जन्मदिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से बधाई मिलने के बाद उनसे मीटिंग भी करने वाले हैं. इसके साथ-साथ वह चीन, तिब्बत भी जाना चाहते हैं. वहां जाकर वह अपने जन्मस्थान को फिर से देखना चाहते हैं. यह जानकारी पेनपा त्सेरिंग ने दी. वह निर्वासन में तिब्बती सरकार (केंद्रीय तिब्बती प्रशासन) के राष्ट्रपति हैं. पेनपा त्सेरिंग को उम्मीद है कि लामा का अपने जन्म स्थान जाने के सपना पूरा करने में भारत उसकी मदद करेगा.
पेनपा त्सेरिंग ने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा कि जब कोरोना के हालातों में सुधार आ जाएगा तब दलाई लामा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेंगे. वह बोले कि लामा के दिल्ली दौरे के दौरान मीटिंग कब होगी इसका फैसला भारत सरकार लेगी. पेनपा त्सेरिंग ने आगे कहा, 'भारत ने हमारे लिए जो कुछ किया है, उसका धन्यवाद करने के लिए मैं भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन करना चाहूंगा.' वह बोले कि कुछ अन्य चीजें हैं जिसमें वह भारतीय सरकार को शामिल करना चाहेंगे.
अपना जन्मस्थान देखना चाहते हैं दलाई लामा
आगे बताया गया कि दलाई लामा चीन, तिब्बत जाना चाहते हैं. उन्होंने पहले भी कई बार अपने जन्मस्थान को देखने की इच्छा जताई है. पेनपा त्सेरिंग ने कहा, 'वह अनाधिकारिक तौर पर कई बार चीन की सरकार से इसपर बात कर चुके हैं, लेकिन अब वे आधिकारिक रास्ता तलाशना चाहते हैं.' दलाई लामा का जन्म छह जुलाई 1935 को उत्तरी तिब्बत में आमदो के एक छोटे से गांव तकछेर में हुआ था. उनके बचपन का नाम ल्हामो दोनडुब था. उन्हें 1989 में शांति का नोबेल सम्मान मिला था.
पेनपा त्सेरिंग ने आगे कहा कि जन्मदिन पर पीएम मोदी का दलाई लामा को फोन करना चीन के लिए एक संदेश था. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा को फोन कर उन्हें जन्मदिन (Dalai Lama Birthday) की बधाई दी और उनके दीर्घायु जीवन की कामना की थी. मोदी ने ट्वीट कर कहा था, '86वें जन्मदिन पर मैंने दलाई लामा से फोन पर बात की और उन्हें शुभकामनाएं दीं. हम उनके लंबे व स्वस्थ जीवन की कामना करते हैं.'
उन्होंने कहा कि वे लोग चीन के साथ मिलकर समाधान निकालने को तैयार हैं. बताया गया कि तिब्बत के मसले पर वे लोग अंतर्राष्ट्रीय समुदाय और अन्य देश, जैसे अमेरिका को भी शामिल करेंगे.