लोकसभा में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सांसद दानिश अली के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने वाले बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. इस मामले की जांच लोकसभा की कमेटी को सौंप दी गई है.
मामले की जांच लोकसभा समिति को सौंपे जाने का बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने स्वागत किया है. बीजेपी सासंद निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया पर कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला जी का आभार, उन्होंने दानिश अली प्रकरण में लोकसभा सचिवालय की समिति को जांच का जिम्मा सौंपा है. आज यह इसलिए संभव हो पाया क्योंकि लोकसभा में भाजपा का बहुमत है, नहीं तो पहले सदन में ऐसे कई मौके आए, जब किसी तरह की कार्यवाही नहीं हुई.
लोकसभा अध्यक्ष @ombirlakota जी का आभार,उन्होंने दानिश अली प्रकरण में @LokSabhaSectt की कमिटि को जॉंच का ज़िम्मा सौंपा ।आज यह इसलिए संभव हो पाया क्योंकि लोकसभा में भाजपा का बहुमत है,नहीं तो पहले लोकसभा ने 2006 में RJD-JDU-congress का जूता व माईक मारपीट,2012 में सोनिया गांधी जी की…
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) September 28, 2023
इससे पहले बीजेपी ने बिधूड़ी को राजस्थान के टोंक जिला का प्रभारी नियुक्त किया था. इस पर दानिश अली ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यह बीजेपी का चाल चरित्र और चेहरा है.
दानिश अली ने कहा कि आरएसएस की पाठशाला में यही पढ़ाया जाता है. हम जहां से पढ़े हैं, हमें वहां ऐसा नहीं पढ़ाया जाता. उन्होंने (बिधूड़ी) जो मेरी शान में कसीदे पढ़े हैं. वह तो मैं दोहरा भी नहीं सकते. मैंने तो बस इतना कहा कि यह किसको आतंकवादी कह रहे हैं? हम उनमें से नहीं है कि आप काम करो नाथूराम गोडसे का और बापू की समाधि पर मत्था टेको. आप सबको बापू की समाधि पर लेकर गए लेकिन आपका सांसद यह काम कर रहा है और आप चु्प्पी हीं तोड़ रहे हैं.
दानिश अली ने कहा कि भाजपा ध्रुवीकरण की राजनीति करती है लेकिन अब देश की जनता समझ चुकी है. अनेक गुर्जर समाज के लोगों ने आगे आकर कहा है कि उन्होंने (बिधूड़ी) हमारे समाज को शर्मिंदा किया है. उनका यह एजेंडा चलने वाला नहीं है, जिस जिले के वह प्रभारी बने हैं, अब वहां के लोग जवाब देंगे.
बता दें कि बिधूड़ी को टोंक जिले का प्रभारी नियुक्त करने का यह फैसला उन अटकलों के बीच आया है, जिसमें कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस नेता सचिन पायलट राजस्थान विधानसभा चुनाव में टोंक निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे. बता दें कि टोंक को सचिन पायलट का गढ़ कहा जाता है. राजस्थान विधानसभा चुनाव इस साल नवंबर में हो सकते हैं.
क्या हुआ था?
बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी ने लोकसभा में चंद्रयान-3 की चर्चा के दौरान बसपा सांसद कुंवर दानिश अली के खिलाफ आपत्तिजक शब्दों का प्रयोग किया था. विवाद बढ़ने पर बीजेपी ने बिधूड़ी को कारण बताओ नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा है कि आखिर उनके खिलाफ पार्टी कार्यवाही क्यों नहीं करे? उन्हें पार्टी की अनुशासन समिति को 15 दिन में नोटिस का जवाब देना होगा.
सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि दानिश अली ने लोकसभा स्पीकर को चिट्टी लिखकर रमेश बिधूडी की सदस्यता रद्द करने की मांग की है. कांग्रेस ने मांग की है कि बिधूड़ी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. सूत्रों के मुताबिक,रमेश बिधूड़ी से लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने बात की थी. रमेश बिधूड़ी के मामले को बड़ी गंभीरता से लेते हुए स्पीकर ने नाराजगी जताते हुए रमेश बिधूडी को चेतावनी भी दी थी कि भाषा की मर्यादा का ध्यान रखें. बिधूड़ी के इस बयान की तमाम विपक्षी दलों ने आलोचना कीय
बीएसपी सांसद दानिश अली ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को चिट्ठी लिखी है. उन्होंने बिधूड़ी के मामले को विशेषाधिकार समिति के पास भेजने की मांग की. यूपी की अमरोहा सीट से सांसद दानिश अली ने चिट्ठी में लिखा था कि इस मामले को विशेषाधिकार समिति के पास भेजा जाए. किसी भी अनुभवी सदस्य को अनुशासित करने का यही तरीका है, ताकि हमारे देश का माहौल और खराब न हों.
हालांकि, इससे पहले ओम बिरला ने मामले को गंभीरता से लेते हुए रमेश बिधूड़ी को भाषा की मर्यादा बनाए रखने की चेतावनी दी थी. उन्होंने ये भी कहा था कि अगर भविष्य में ऐसा दोबारा होता है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी.