पर्यटन के लिहाज से पश्चिम बंगाल का शहर दार्जिलिंग शहर काफी मशहूर है. दूर-दूर से लोग यहां छुट्टियां बिताने आते हैं. अर्थव्यवस्था के लिहाज से भी ये देश के प्रमुख शहरों में से एक गिना जाता है. इसी कड़ी में दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे अथॉरिटी ने एक बड़ा कदम उठाया है. दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे अथॉरिटी ने शहर में चलने वाले टॉय ट्रेन को अब बिजली के माध्यम से चलाने का फैसला किया है. ये फैसला प्रदूषण को रोकने के लिए किया गया है.
प्रदूषण में आएगी कमी
कटिहार मंडल के डीआरएम एसके चौधरी के मुताबिक, बिजली के माध्यम से टॉय ट्रेन से प्रदूषण में कमी आएगी. इसमें हाइइ़्रोजन फ्यूल का इस्तेमाल होगा. फिलहाल इसके लिए सर्वे का काम शुरू हो गया है. अगर सभी स्थितियां सही रहीं तो दार्जिलिंग में अगले 2 साल में टॉय ट्रेन बिजली से चलनी शुरू हो जाएगी.
रेल मंत्री ने परियोजना को दी मंजूरी
दार्जिलिंग के जबरदस्त प्रदूषण के चलते टॉय ट्रेन को पहले से ही हाइड्रोजन ईंधन पर चलाने की मांग की जा रही है. केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसके लिए पहले ही हरी झंडी दे दी है. उनकी मंजूरी के बाद सर्वे का काम शुरू हो गया है. जल्द से जल्द दार्जिलिंग में टॉय ट्रेन बिजली से चलेगी.
पिछले कुछ सालों में दार्जिलिंग के प्रदूषण में बढ़ोतरी
पिछले कुछ सालों से दार्जिलिंग में पर्यटकों की भारी भीड़ देखी जा रही है. इससे यहां की आर्थिक स्थिति में सुधार हो रही है. हालांकि, इस बीच यहां प्रदूषण बढ़ गया है. ऐसे में प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार की तरफ से तमाम फैसले लिए जा रहे हैं. हिमालयन रेलवे अथॉरिटी का बिजली से टॉय ट्रेन चलाने का फैसला भी इसी दिशा में उठाया गया एक कदम है.
(दार्जिलिंग से जॉयदीप का इनपुट)