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दत्तात्रेय होसबाले फिर बने RSS के सरकार्यवाह, अगले तीन साल तक संभालेंगे जिम्मेदारी

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा ने रविवार को 'सरकार्यवाह' पद के लिए दत्तात्रेय होसबाले को फिर से चुन लिया. आरएसएस ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर एक पोस्ट में कहा कि होसबाले 2021 से 'सरकार्यवाह' के रूप में कार्यरत हैं,

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दत्तात्रेय होसबाले को फिर से RSS के सरकार्यवाह का जिम्मा मिला
दत्तात्रेय होसबाले को फिर से RSS के सरकार्यवाह का जिम्मा मिला

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा ने रविवार को 'सरकार्यवाह' पद के लिए दत्तात्रेय होसबाले को फिर से चुन लिया. आरएसएस ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर एक पोस्ट में कहा कि होसबाले 2021 से 'सरकार्यवाह' के रूप में कार्यरत हैं, इसमें कहा गया है कि उन्हें 2024 से 2027 की अवधि के लिए इस पद पर फिर से चुना गया है. RSS की वार्षिक तीन दिवसीय 'अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा' शुक्रवार को रेशिमबाग के स्मृति भवन परिसर में शुरू हुई थी. यह बैठक 6 साल बाद आरएसएस के मुख्यालय नागपुर में हो रही है. बैठक में आरएसएस से जुड़े विभिन्न संगठनों के 1,500 से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं.

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की नई कार्यकारिणी में चुने जाने के बाद सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने 2024-27 के लिए 6 सह सरकार्यवाह नियुक्त किए गए है. इनके नाम हैं.  
१. कृष्ण गोपाल 
२. ⁠मुकुंद 
३. ⁠अरुण कुमार
४. ⁠रामदत्त चक्रधर 
५. अतुल लिमये 
६. ⁠आलोक कुमार 

सरकार्यवाह (महासचिव) चुने जाने के बाद दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि पिछली बार मैं सर कार्यवाह के पद पर निर्वाचित हुआ तो मुझ पर ये दायित्व आया था, वो आयोजन बेंगलुरु में हुआ था. संघ के जीवन में पहली बार संघ के इतिहास में सर कार्यवाह का निर्वाचन नागपुर से बाहर हुआ था. उन्होंने कहा कि कोविड की वजह से ऐसा हुआ था. उन्होंने कहा कि मुझे इस दायित्व के योग्य समझा गया, इसके लिए मैं संघ का धन्यवाद देता हूं. साथ ही कहा कि मैं संघ की परंपरा का निर्वहन करने का प्रयास करूंगा.

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बता दें कि दत्तात्रेय होसबाले का जन्म एक दिसंबर 1954 को हुआ था. वह 1968 में संघ के संपर्क में आए थे. इसके बाद 1978 में वह एवीबीपी के पूर्वकालिक सदस्य बने और 1990 में उन्होंने प्रचारक की जिम्मेदारी संभाल ली थी. होसबाले ने 2009 में सह सरकार्यवाह का दायित्व संभाला, जबकि 2021 में वह पहली बार सरकार्यवाह बने थे. होसबाले कर्नाटक के शिवमोग्गा के रहने वाले हैं. दत्तात्रेय होसबाले वर्ष 1975-77 के जेपी आंदोलन में भी सक्रिय थे और लगभग पौने दो वर्ष तक ‘मीसा’ के अंतर्गत जेल में रहे.

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