जम्मू-कश्मीर के तीन स्थानीय लोगों के शव शनिवार को सुरक्षा बलों को एक नदी में मिले, जिनमें एक नाबालिग भी शामिल है. ये लोग दो दिन पहले लापता हुए थे. सूत्रों के अनुसार पुलिस को संदेह है कि शादी में शामिल होने के लिए जाते समय लापता हुए इन तीनों स्थानीय निवासियों की मौत किसी दुर्घटना में हुई होगी. हालांकि, पुलिस इस एंगल को भी खारिज नहीं किया है कि तीनों की हत्या आतंकवादियों ने की होगी. लेकिन अभी तक आतंकी पहलू की पुष्टि नहीं हो पाई है.
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कठुआ जिले के बिलावर के दूरदराज इलाके में सुरक्षा बलों ने मरहून निवासी वरुण सिंह (15), योगेश सिंह (32) और दर्शन सिंह (40) के शव बरामद किए. मृतक गुरुवार को चौ गांव से मल्हार जा रही एक बारात में शामिल थे. जब बारात इशू के जंगलों के पास थी, तो उनका बारात के अन्य सदस्यों से संपर्क टूट गया, जिन्होंने पुलिस को उनके लापता होने की सूचना दी. यह संदेह होने पर कि उन्हें आतंकवादियों द्वारा अगवा कर लिया गया है, भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने लापता व्यक्तियों का पता लगाने के लिए एक जॉइंट ऑपरेशन चलाया.
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जम्मू-कश्मीर विधानसभा में शुक्रवार को भाजपा विधायक सतेश शर्मा ने भी इस मुद्दे को उठाया और सरकार से जवाब मांगा. लापता लोगों में से एक ने अपने परिवार के सदस्यों को फोन करके बताया था कि वे पहाड़ियों में रास्ता भूल गए हैं. पोस्टमार्टम के बाद ही उनकी मौत के कारण का पता चलेगा. जनवरी में भी कठुआ जिले में एक ऐसी ही घटना सामने आई थी. एक खेत में दो व्यक्तियों की रहस्यमयी मौतों ने इलाके में भय और दहशत फैला दी थी. शमशेर (37) और रोशन (45) को बिलावर इलाके के बाथरी गांव में एक नाले के किनारे मृत पाया गया, उनके पास ही उनके खेती के औजार भी थे, जिससे उनकी मौत की परिस्थितियों पर संदेह पैदा हो गया.