दिल्ली पुलिस ने एक बेहद ही सनसनीखेज मामले का खुलासा किया है, जिसमें पूर्व नेवी कर्मचारी ने मर्डर केस से बचने के लिए ना सिर्फ 2 लोगों को जिंदा जला दिया, बल्कि खुद की मौत की झूठी कहानी रचकर 20 साल तक पुलिस से छुपा रहा. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.
दिल्ली पुलिस के मुताबिक अपराध शाखा ने नजफगढ़ के एक घर से अपने रिश्तेदार की हत्या और दो मजदूरों को जलाकर मारने वाले आरोपी बालेश कुमार को अरेस्ट किया है. आरोपी नकली नाम अमन सिंह के साथ अपने परिवार के साथ रह रहा था.
पुलिस ने बताया कि जब बालेश 40 साल का था, तब उसने 2004 में दिल्ली के बवाना इलाके में पैसे के लिए अपने रिश्ते के जीजा राजेश उर्फ खुशीराम की कथित तौर पर हत्या कर दी थी. आरोप है कि उसके राजेश की पत्नी के साथ अवैध संबंध भी थे. पुलिस ने 2004 में बालेश के भाई सुंदर लाल को गिरफ्तार किया था, जो राजेश की हत्या में भी शामिल था. हालांकि, बालेश उन्हें चकमा देने में कामयाब हो गया था.
विशेष पुलिस आयुक्त (अपराध) रवींद्र यादव के मुताबिक बालेश उस समय ट्रांसपोर्ट व्यवसाय में था. वारदात के बाद वह एक ट्रक में बैठकर राजस्थान भाग गया था. वहां उसने अपने ट्रक में आग लगा दी थी और अपने दो कर्मचारियों को जलाकर मार दिया था. राजस्थान पुलिस ने जांच के दौरान एक व्यक्ति की पहचान बालेश के रूप में की थी. जबकि दूसरा शव लावारिस घोषित हो गया था. बाद में बालेश के परिवार के सदस्यों ने भी एक शव की पहचान उसके रूप में की.
राजस्थान पुलिस ने मुख्य संदिग्ध को मृत मानकर मामला बंद कर दिया था. अपनी मौत का नाटक करने के बाद बालेश पंजाब भाग गया और अपने परिवार के सदस्यों की मदद से जाली पहचान पत्र हासिल करने में कामयाब रहा था. उसने अपना नाम बदलकर अमन सिंह रख लिया. वह अपनी पत्नी के संपर्क में था. इतना ही नहीं उसका परिवार नेवी से अपना बीमा दावा लाभ और पेंशन हासिल करने में भी कामयाब रहे थे. घटना में शामिल ट्रक बालेश के भाई महिंदर सिंह के नाम पर रजिस्टर्ड था. इसके बीमे का दावा भी उसके परिवार ने क्लेम कर लिया था. उसे अपनी पत्नी के खाते में ट्रक का बीमा दावा मिला था.
इसके बाद बालेश अपने परिवार के साथ दिल्ली के नजफगढ़ चला गया था और उनके साथ रहने लगा था. हालांकि, एक गुप्त सूचना पर पुलिस उसे घर से पकड़ने में कामयाब रही. पूछताछ के दौरान उसने अपने रिश्तेदार और बिहार के दो मजदूरों की हत्या में खुद का हाथ होने की बात कबूल ली थी. दिल्ली पुलिस ने दावा किया है कि बालेश ने सन 2000 में दिल्ली के कोटा हाउस से प्राचीन वस्तुएं भी चुराई थीं और उस पर तिलक मार्ग पुलिस स्टेशन में चोरी का मामला दर्ज किया गया था.
पुलिस बालेश की पत्नी और परिवार के अन्य सदस्यों की उसके अपराधों में भूमिका की जांच कर रही है और उन सभी पर मुकदमा चलाया जाएगा. हरियाणा के पानीपत के मूल निवासी बालेश ने कक्षा 8 तक पढ़ाई की. 1981 में वह एक स्टीवर्ड के रूप में नेवी में शामिल हुआ और 1996 तक वहां सेवा की. सेवानिवृत्ति के बाद उसने दिल्ली के उत्तम नगर में किराए पर एक घर लिया. गिरफ्तारी के समय बालेश नजफगढ़ में प्रॉपर्टी डीलर के रूप में काम कर रहा था.