भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी (Nirav Modi) के प्रत्यर्पण पर फैसला 25 फरवरी को होगा. ब्रिटेन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में नीरव मोदी के प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई पूरी हो चुकी है. ऐसे में उम्मीद है कि 13,000 करोड़ रुपए के बैंक फ्रॉड केस में उसे भारत भेजा जा सकता है. कोर्ट उसे भारत भेजने को लेकर अगले महीने की 25 तारीख को अपना फैसला सुनाएगा.
आपको बता दें कि भारतीय जांच एजेंसियों का प्रतिनिधित्व करने वाले क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (CPS) ने ब्रिटेन की कोर्ट को बताया कि नीरव मोदी एक ''पोंजी जैसी योजना'' में शामिल था और यह मनी लॉन्ड्रिंग और धोखाधड़ी के लिए जिम्मेदार है. यानी कि इसी के चलते पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के साथ भारी धोखाधड़ी हुई.
CPS ने कोर्ट को यह भी बताया कि नीरव मोदी ने बैंक अधिकारियों के साथ साजिश रचने के बाद अपनी तीन फर्मों- डायमंड्स आर यूएस, सोलर एक्सपोर्ट्स और स्टेलर डायमंड्स का इस्तेमाल कर बैंक को धोखा दिया. कोर्ट के सामने यह भी कहा गया कि नीरव मोदी ने गवाह को जान से मारने की धमकी दी थी. बता दें कि सुनवाई के दौरान नीरव मोदी वीडियो लिंक के जरिए कोर्ट में पेश हुआ.
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नीरव मोदी के कानूनी वकील क्लेयर मोंटगोमरी ने बहस के दौरान कहा कि अगर मोदी भारत जाते हैं, तो मुंबई की आर्थर रोड जेल में उनकी मानसिक स्थिति और आत्महत्या करने के जोखिम से निपटने की कोई व्यवस्था नहीं है. हालांकि, भारतीय अधिकारियों ने ब्रिटेन की कोर्ट को बताया कि आर्थर रोड जेल ऐसी स्वास्थ्य स्थितियों से निपटने में पूरी तरह से सक्षम है और जेल के पास तीन अस्पताल हैं.
अधिकारियों ने कहा कि यदि नीरव मोदी को प्रत्यर्पित किया जाता है, तो आर्थर रोड जेल के बैरक नंबर 12 को उसके लिए तैयार रखा गया है. गौरतलब है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय के एक अनुरोध के बाद 19 मार्च, 2019 से नीरव मोदी लंदन की जेल में बंद है. फिलहाल, नीरव मोदी के प्रत्यर्पण पर 25 फरवरी को फैसला आएगा.
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