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केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के मानहानि मुकदमे में सुनवाई तीन हफ्ते टली

गहलोत के वकील ने कहा कि जो बयान सदन में दिया गया था वह स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर दिया गया था. अनधिकृत तौर पर कुछ भी नहीं कहा गया था. गजेंद्र सिंह शेखावत के वकील ने कहा कि मामले में केस डायरी से छेड़छाड़ की गई है. कोर्ट ने इस बाबत भी तफसील रिपोर्ट तलब की है.

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गजेंद्र सिंह शेखावत-फाइल फोटो
गजेंद्र सिंह शेखावत-फाइल फोटो

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के मानहानि मुकदमे में सुनवाई तीन हफ्ते टल गई है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाने की गुहार पर अब 14 अक्टूबर को सुनवाई होगी. इस मामले में आरोपी राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को वीडियो कॉन्फ्रेंस से पेश होने की छूट बरकरार रहेगी.
 
राउज एवन्यू कोर्ट अब 14 अक्टूबर को इस मामले की अगली सुनवाई करेगा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के वकील ने दलील दी कि याचिकाकर्ता गजेंद्र शेखावत का कहना है कि मानहानि का मामला इसलिए बनता है क्योंकि उनका नाम FIR में नहीं है. ना ही चार्जशीट में उनका नाम था. एक बार भी उनको कोई समन जारी नहीं किया गया. 

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शिकायतकर्ता के अनुसार गहलोत का बयान आधिकारिक तौर पर या आधिकारिक क्षमता के तहत दिया गया बयान था. गहलोत के वकील ने कहा कि वो राज्य के गृह मंत्री के रूप में दिया गया बयान था.

गहलोत के वकील ने आगे कहा कि जो बयान सदन में दिया गया था वह स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर दिया गया था. अनधिकृत तौर पर कुछ भी नहीं कहा गया था. गजेंद्र सिंह शेखावत के वकील ने कहा कि मामले में केस डायरी से छेड़छाड़ की गई है. कोर्ट ने इस बाबत भी तफसील रिपोर्ट तलब की है.

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