विजयदशमी से एक दिन पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बार फिर साफ किया कि भारत हमेशा अपने सभी पड़ोसी देशों के साथ अच्छे संबंध चाहता है. हमने हमेशा ऐसे ही प्रयास किए हैं. लेकिन हमारे जवानों को समय-समय पर अपनी सीमा की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देनी पड़ती है.
दो दिन के दार्जिलिंग और सिक्किम के दौरे पर गए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन और पाकिस्तान का नाम लिए बगैर कहा कि भारत हमेशा अपने सभी पड़ोसी देशों के साथ अच्छे संबंध चाहता है और हमने हमेशा इसी के लिए प्रयास किया है. लेकिन हमारे जवानों को समय-समय पर अपनी सीमाओं, अखंडता और सार्वभौमिकता की रक्षा के लिए अपने जीवन का बलिदान करना पड़ा है.
दार्जिलिंग के सुकना में 33वीं कॉर्प के मुख्यालय में अपने संबोधन के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जून में गलवान घाटी में शहीदों को याद करते हुए कहा कि इस बार गलवान में बिहार रेजिमेंट के हमारे 20 जवानों ने मातृभूमि की रक्षा के लिए खुद का बलिदान कर दिया. आपकी वजह से देश और उसकी सीमाएं सुरक्षित हैं.
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चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर लंबे समय से जारी गतिरोध के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने शनिवार को बंगाल के दार्जिलिंग जिले में सुकना कॉर्प का दौरा किया. सुकना कॉर्प पर ही चीन और भूटान से लगती सीमाओं की रक्षा करने की जिम्मेदारी है.
दार्जिलिंग और सिक्किम की दो दिवसीय यात्रा पर गए राजनाथ सिंह और जनरल नरवणे शनिवार को सुकना सैन्य शिविर पहुंचे. इस दौरान रक्षा मंत्री और सेना प्रमुख ने फॉरवर्ड एरिया का दौरा किया और सैनिकों के साथ बातचीत की.
इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज यानी रविवार को दशहरे पर 'शस्त्र पूजा' किया और अपनी यात्रा के दौरान सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की ओर से निर्मित बुनियादी ढांचा परियोजना का उद्घाटन किया. रक्षा मंत्री सुरक्षा बलों की तेज आवाजाही के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास पर विशेष जोर देते रहे हैं.