केंद्र की मोदी सरकार लगातार रक्षा सौदों में आत्मनिर्भर बनने की पहल कर रही है. इसी कड़ी में अब बड़ा फैसला लेते हुए कम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल और 14 हेलीकॉप्टर खरीदने वाले सौदे को रद्द कर दिया गया है. मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने ये बड़ा कदम उठाया है.
ऐसी खबरें पहले से आ रही थीं कि सरकार जल्द ही उन सौदों को रद्द या फिर स्थगित कर सकती है जिनमें पूरी तरह विदेशी देशों पर निर्भरता है. तीनों सेनाओं को भी स्पष्ट कर दिया गया है कई पुराने सौदों को अब स्थगित या फिर कैंसिल कर दिया जाएगा. सरकार इस समय कई सौदों की समीक्षा कर रही है.
पुरानी रणनीति, अमलीजामा पहनाने का समय
इस लिस्ट में P-8I एयरक्रॉफ्ट, रूस का शॉट एयर डिफेंस सिस्टम जैसे हथियार भी शामिल हैं जिनके आयात पर अभी रोक तो नहीं लगी है लेकिन सरकार ने इस पर भी अपना मंथन शुरू कर दिया है. अब जानकारी के लिए बता दें कि भारत सरकार ने ये कदम उठाने से पहले कई अधिकारियों से बातचीत की है. कई बैठकों का दौर पहले ही हो चुका है. एक बैठक में पीएम मोदी संग तब के सीडीएस बिपिन रावत भी मौजूद थे. ऐसे में सरकार ने अपनी मंशा पहले ही साफ कर दी थी. रक्षा सौदों में आत्मनिर्भर बनना था और मेक इन इंडिया को और ज्यादा व्यापक करना था.
वैसे रक्षा मंत्रालय के एक अतिरिक्त सचिव-रैंक के अधिकारी द्वारा तीनों सेनाओं के प्रमुख को एक नोट लिखा गया था. उस नोट में बताया गया था कि किसी भी रक्षा वस्तु का आयात नहीं किया जा रहा है. नोट में ये भी स्पष्ट कर दिया गया कि अभी के लिए सभी पूंजी और राजस्व खरीद की विस्तृत समीक्षा की जा रही है. अब सरकार का ये फैसला कई परियोजनाओं को प्रभावित करने वाला है. फिर चाहे वो परियोजनाएं फाइटर प्लेन से जुड़ी हों या फिर जहाज और बंदूकों से, एक फैसला सबकुछ बदल सकता है.