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चुनाव आयोग से मिलेगा TMC के 10 सांसदों का डेलिगेशन, वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के मुद्दे पर होगी मुलाकात

आयोग ने अपने लिखित जवाब में कहा है कि भले ही अलग-अलग राज्यों में रह रहे मतदाताओं का एपिक नंबर समान हो लेकिन विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, मतदान केंद्र जैसी जानकारियां अलग-अलग हैं तो ऐसे मामले में घाल मेल करना उचित नहीं है। इसे गलत तरीके से पेश किया जा रहा है.

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(सांकेतिक तस्वीर)
(सांकेतिक तस्वीर)

मतदाता सूची में नाम काटने-जोड़ने के साथ मतदाता पहचान पत्र में गड़बड़ी के दावों के साथ अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (TMC) के 10 सांसद नेताओं का प्रतिनिधिमंडल 11 मार्च मंगलवार शाम साढ़े पांच बजे निर्वाचन आयोग से मिलेगा. यह मुलाकात निर्वाचन सदन में मतदाता सूची में गड़बड़ के मुद्दे पर होगी.

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प्रतिनिधिमंडल डेरेक ओ ब्रायन के नेतृत्व में आयोग से मिलेगा. उनके साथ कल्याण बनर्जी, काकोली घोष दस्तीदार, सागरिका घोष, कीर्ति आजाद, साजदा अहमद, असित कुमार मल, अबू ताहिर खान, प्रकाश चिक बरैक और साकेत गोखले होंगे.

चुनाव आयोग ने आरोपों को किया खारिज

हालांकि इस मुद्दे पर निर्वाचन आयोग ने सभी आरोपों को नकारते हुए स्पष्ट किया है कि मतदाता पहचान पत्र यानी एपिक नंबर को लेकर जो दुष्प्रचार किया जा रहा है वह ठीक नहीं है. क्योंकि एक जैसे एपिक नंबर का मतलब यह नहीं कि वह फर्जी मतदाता है.

आयोग ने अपने लिखित जवाब में कहा है कि भले ही अलग-अलग राज्यों में रह रहे मतदाताओं का एपिक नंबर समान हो लेकिन विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, मतदान केंद्र जैसी जानकारियां अलग-अलग हैं तो ऐसे मामले में घाल मेल करना उचित नहीं है. इसे गलत तरीके से पेश किया जा रहा है.

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स्थायी यूनिक एपिक नंबर सुनिश्चित करेगा आयोग

इलेक्शन कमीशन ने कहा, 'एपिक नंबर चाहे कुछ भी क्यों ना हो लेकिन मतदाता अपने मतदाता पहचान पत्र का इस्तेमाल कर सिर्फ अपने राज्य और अपने संबंधित निर्वाचन क्षेत्र में ही मतदान केंद्र पर मतदान कर सकता है क्योंकि उसका नाम उस क्षेत्र की मतदाता सूची में ही जुड़ा हुआ है.' हालांकि आयोग ने अगले तीन महीने में हर एक मतदाता के नाम स्थायी यूनिक एपिक नंबर सुनिश्चित करने की बात भी कही है.

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