scorecardresearch
 

Delhi Pollution: तेज हवाओं से दिल्ली की एयर क्वालिटी में सुधार, लेकिन अभी भी 'खराब' कैटेगरी में AQI, जानें प्रदूषण का हाल

CPCB के आंकड़ों के अनुसार, 25 नवंबर (सुबह 7 बजे) को दिल्ली का औसत AQI 279 दर्ज किया गया है. इसके साथ ही कई जगहों का AQI अभी भी 350 से अधिक दिखा रहे हैं. सेहत के लिए बेहद बेहद खतरनाक. घरों के अंदर रहने की कोशिश करें. मुमकिन हो तो एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें. बाहर निकलें तो मास्क जरूर पहनें.

Advertisement
X
Delhi AQI still in Poor Category (File Photo)
Delhi AQI still in Poor Category (File Photo)

Delhi Pollution Update: लंबे समय के बाद, देश की राजधानी दिल्ली के AQI में काफी सुधार देखने को मिला है. दिल्ली का 24 घंटे का औसत AQI 'बहुत खराब' से "खराब" श्रेणी में आ गया है. सुबह 7 बजे 24 घंटे का औसत AQI 279 दर्ज किया गया, जो 300 से काफी कम था. दिवाली के बाद यह पहली बार है जब AQI "खराब" श्रेणी में है. हालांकि, कुछ स्टेशन अभी भी "बहुत खराब" श्रेणी में हैं, लेकिन अधिकतर 200-300 रेंज (खराब श्रेणी) में हैं.

Advertisement

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के मुताबिक, आज दिन का अंतिम औसत AQI शाम 4 बजे आएगा, लेकिन सुबह की औसत वायु गुणवत्ता राहत देने वाली है. सीपीसीबी बुलेटिन के अनुसार, 24 नवंबर को 24 घंटे का औसत AQI 318 था, जो 2 नवंबर के बाद इस महीने का दूसरा सबसे साफ AQI था. इससे पहले 2 नवंबर को AQI 316 दर्ज किया गया था. बता दें कि तेज हवाओं के कारण आसमान साफ और एयर क्वालिटी में सुधार एवं तापमान में मामूली बढ़ोतरी देखने को मिली.  

दिल्ली का औसत AQI 318
CPCB के अनुसार, अभी भी दिल्ली के AQI कई क्षेत्रों में 'बहुत खराब' श्रेणी में बना हुआ है. दिल्ली के बवाना, अलीपुर में 308, सोनिया विहार में 333, आनंद विहार में 334 और वजीरपुर में AQI सुबह 7 बजे 330 रिकॉर्ड किया गया है. लेकिन, अभी भी दिल्ली में ज्यादातर जगहों पर AQI 300 से ज्यादा है. सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, 25 नवंबर (सुबह 7 बजे) को दिल्ली का औसत AQI 279 दर्ज किया गया है. इसके साथ ही कई जगहों का AQI अभी भी 350 से अधिक दिखा रहे हैं. प्रदूषण के कारण लोगों को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो रही हैं. वहीं, राजधानी के कई हिस्सों में स्मॉग की परत देखने मिली. 

Advertisement

एनसीआर के अन्य क्षेत्रों में सुबह 7 बजे AQI

  • नोएडा- 202
  • गाजियाबाद- 194
  • ग्रेटर नोएडा- 200
  • गुरुग्राम- 217

दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में कितना है AQI

दिल्ली के इलाके AQI
अलीपुर 308
आनंद विहार 333
अशोक विहार 314
आया नगर 245
बवाना 324
बुराड़ी 287
चांदनी चौक 247
DTU 275
डॉ करणी सिंह शूटिंग रेंज 263
द्वारका सेक्टर-8 294
आईजीआई एयरपोर्ट 260
दिलशाद गार्डन 323
आईटीओ 234
जहांगीरपुरी 326
जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम 234
मेजर ध्यान चंद स्टेडियम 279
मंदिर मार्ग 264
मुंडका 341
द्वारका एनएसआईटी 235
नजफगढ़ 240
नरेला 313
नेहरू नगर 308
नॉर्थ कैंपस 283
ओखला फेस-2 264
पटपड़गंज 288
पंजाबी बाग 318
पूसा DPCC 263
पूसा IMD 262
आरके पुरम 275
रोहिणी 314
शादीपुर 347
सिरीफोर्ट 367
सोनिया विहार 328
अरबिंदो मार्ग 227
विवेक विहार 326
वजीरपुर 330

कैसे मापी जाती है एयर क्वालिटी?
अगर किसी क्षेत्र का AQI जीरो से 50 के बीच है तो AQI ‘अच्छा’ माना जाता है, 51 से 100 AQI होने पर ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’माना जाता है, अगर किसी जगह का AQI 201 से 300 के बीच हो तो उस क्षेत्र का AQI ‘खराब’ माना जाता है. अगर AQI 301 से 400 के बीच हो तो ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच AQI होने पर ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है. वायु प्रदूषण से कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं. इसी के आधार पर दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप श्रेणी की पाबंदियां लगाई जाती हैं. 

Advertisement

क्या होता है ग्रैप?
ग्रैप का मतलब GRAP से है. GRAP का फुल फॉर्म ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान है. ये सरकार की एक योजना है, जिसे दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के खिलाफ बनाया गया है. इस प्लान के जरिए प्रदूषण को कंट्रोल किया जाता है. दरअसल, इसके कई चरण हैं और ये चरण भी बढ़ते प्रदूषण के साथ बढ़ते जाते हैं. जैसे जैसे चरण बढ़ते हैं, वैसे वैसे दिल्ली में पाबंदियां भी बढ़ती जाती हैं.

GRAP के 4 चरण होते हैं

  • जब दिल्ली में हवा 201 से 300 एक्यूआई तक खराब होती है तो पहला चरण लागू किया जाता है.
  • इसके बाद अगर हवा ज्यादा खराब होती है और एक्यूआई 301 से 400 तक पहुंच जाता है तो इसका दूसरा चरण लागू हो जाता है.
  • अगर हवा ज्यादा खराब हो जाए यानी एक्यूआई 400 से भी ज्यादा हो जाए तो तीसरा चरण लगता है.
  • हालात ज्यादा खराब होने पर GRAP का चौथा लेवल लागू कर दिया जाता है.

प्रदूषण से बचाव के उपाय
प्रदूषण से बचने के लिए घर से बाहर निकलने पर अपने मुंह और नाक को अच्छे से ढक लें या मास्क लगा कर निकलें. आंखों की एलर्जी से बचने के लिए आंखों पर चश्मा लगाकर निकलें. ज्यादा प्रदूषण में घर में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें. वहीं, घर के बच्चे और बुजुर्गों को बाहर निकलने से रोके. ऐसे में पार्क में खेलने जाने वाले बच्चों को घर पर ही इनडोर गेम्स खेलने को कहें. अगर आप मॉर्निंग और इवनिंग वॉक पर जाते हैं तो कुछ दिन बाहर न जाएं, नहीं तो ज्यादा प्रदूषण में सांस संबंधी समस्या हो सकती है.

Live TV

Advertisement
Advertisement