दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता लगातार बद से बदतर होती जा रही है. यहां कई इलाके ऐसे हैं, जहां हवा ज्यादा खराब होने के कारण लोगों को सांस लेने में भी परेशानी हो रही है. दिल्ली में शुक्रवार की सुबह प्रदूषण का स्तर 'बेहद खराब' श्रेणी में पहुंच गया और आगामी दो दिनों में इसके और खराब होने की संभावना है. हालांकि, एनसीआर के बाकी 10 शहरों की हालत भी बेहद खराब है.
दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) इस सीजन के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है, जो कि शुक्रवार को रोहिणी इलाके में 391 रिकॉर्ड किया गया. क्योंकि ये एक्यूआई 301 और 400 के बीच है इसलिए हवा की गुणवत्ता को 'बेहद खराब' श्रेणी में पाया गया है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अनुमान जताया है कि पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) 10 और पीएम 2.5 में बढ़ोतरी के साथ वायु गुणवत्ता और खराब होगी.
दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल कमेटी द्वारा शुक्रवार की सुबह जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली के रोहिणी में एक्यूआई (Air Quality Index) का स्तर 391 पाया गया, वहीं द्वारका में 390, आनंद विहार में 387 और आरके पुरम में 333 रहा. बता दें कि 0 और 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच 'मध्यम', 201 और 300 के बीच 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बेहद खराब' और 401 और 500 के बीच को 'गंभीर' माना जाता है.
एनसीआर के 10 शहरों की बात करें तो बागपत की हवा पिछले 12 से 14 दिनों में सबसे खराब रही है. यहां एक्यूआई का स्तर 305 रहा है.
पिछले 14 दिनों में एनसीआर के शहरों में हवा की गुणवत्ता का औसत
देश के 8 बड़े शहरों की बात करें तो उसमें भी दिल्ली सबसे खराब हवा के मामले में नंबर एक पर है.
8 बड़े शहरों के हवा की गुणवत्ता का औसत
आईएमडी के अतिरिक्त महानिदेशक आनंद शर्मा ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा, 'वायु गुणवत्ता 24 अक्टूबर तक और खराब होगी. पराली जलाने के अलावा अन्य कारक भी हैं, जिससे वायु गुणवत्ता खराब हो रही है. इनमें वाहन प्रदूषण और अपशिष्टों को जलाना भी शामिल है. 24 अक्टूबर तक पीएम 2.5 में बढ़ोतरी होगी और पीएम 10 जो अभी खराब श्रेणी में है वह काफी खराब श्रेणी में चली जाएगी.'
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय में वायु गुणवत्ता पर नजर रखने वाली एजेंसी ‘सफर’ ने कहा कि हरियाणा, पंजाब और पड़ोसी क्षेत्रों में पराली जलाने की घटनाओं में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. बुधवार को यह संख्या 1428 थी.