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'क्या बेटा इतना बड़ा हो गया कि मां को आंखें दिखाने लगा...,' केजरीवाल ने BJP पर साधा निशाना, मोहन भागवत से पूछे 5 सवाल

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के रिश्तों पर तीखा तंज भी कसा है. केजरीवाल ने कहा, "आरएसएस बीजेपी की मां की तरह है, लेकिन आज बीजेपी अपनी मां को आंखें दिखा रही है."

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अरविंद केजरीवाल (पूर्व सीएम, दिल्ली) फाइल फोटो
अरविंद केजरीवाल (पूर्व सीएम, दिल्ली) फाइल फोटो

दिल्ली के जंतर-मंतर पर आम आदमी पार्टी ने 'जनता की अदालत' कार्यक्रम का आयोजन किया. इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा, '4 अप्रैल, 2011 का दिन था जब भ्रष्टाचार विरोधी अन्ना आंदोलन शुरू हुआ था. हम ईमानदारी से सरकार चला रहे थे, जनता को सुविधाएं दीं. बिजली फ्री की, पानी फ्री किया, महिलाओं के लिए बस फ्री की. बुजुर्गों को फ्री में तीर्थ यात्राएं करवाईं. अस्पताल, मोहल्ला क्लीनिक और शानदार स्कूल बनाए. 10 वर्षों तक ईमानदारी से काम किया, तो नरेंद्र मोदी को लगने लगा कि इनसे जीतना है तो ईमानदारी पर चोट करो. इसलिए उन्होंने हम पर भ्रष्टाचार के झूठे आरोप लगाए. हमारे मंत्रियों और नेताओं को चुन-चुनकर जेल में डाला.'

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पूर्व सीएम ने जेपी नड्डा के बयान पर साधा निशाना
इसी दौरान दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के रिश्तों पर भी तीखा तंज कसा. केजरीवाल ने कहा, "आरएसएस बीजेपी की मां की तरह है, लेकिन आज बीजेपी अपनी मां को आंखें दिखा रही है." केजरीवाल का यह बयान जेपी नड्डा की उस टिप्पणी के संदर्भ में आया है, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि "बीजेपी को आरएसएस की जरूरत नहीं है."

इस टिप्पणी ने राजनीतिक हलकों में काफी हलचल मचा दी है, खासकर उन लोगों के बीच जो आरएसएस और बीजेपी के घनिष्ठ संबंधों को महत्वपूर्ण मानते हैं. केजरीवाल ने सवाल उठाते हुए कहा, "क्या आपको जेपी नड्डा की इस टिप्पणी से दुख नहीं हुआ?" उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बीजेपी और आरएसएस के बीच का रिश्ता गहरा है, और इस तरह की टिप्पणियां उस संबंध को ठेस पहुंचाने का काम करती हैं.

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केजरीवाल ने जंतर मंतर पर आयोजित इस जनसभा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत से पांच बड़े सवाल भी पूछे. केजरीवाल ने अपने सवालों में पूछा कि, 

1. लोकतंत्र के लिए खतरनाक राजनीति? केजरीवाल ने पूछा, “प्रधानमंत्री मोदी पूरे देश में लालच देकर या प्रवर्तन निदेशालय (ED) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) का डर दिखाकर विपक्षी दलों के नेताओं को तोड़ रहे हैं, सरकारें गिरा रहे हैं. क्या ये देश के लोकतंत्र के लिए सही है? क्या मोहन भागवत यह नहीं मानते कि यह भारतीय लोकतंत्र के लिए हानिकारक है?”

2. भ्रष्ट नेताओं को BJP में शामिल करने पर सवाल: केजरीवाल ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी ने देश के सबसे भ्रष्ट नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल किया. उन्होंने कहा, "जिन नेताओं को मोदी और अमित शाह ने पहले भ्रष्ट कहा, बाद में उन्हीं को बीजेपी में शामिल कर लिया गया. क्या आपने ऐसी BJP की कल्पना की थी? क्या इस प्रकार की राजनीति से RSS सहमत है?"

3. BJP की नैतिक जिम्मेदारी: केजरीवाल ने तीसरे सवाल में कहा कि बीजेपी RSS की कोख से जन्मी है, और RSS की जिम्मेदारी है कि वह यह सुनिश्चित करे कि BJP सही मार्ग पर चले. उन्होंने पूछा, “क्या आपने मोदी जी से कभी कहा कि वे गलत रास्ते पर न चलें? क्या आप आज की बीजेपी की कार्यशैली से संतुष्ट हैं?”

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4. JP नड्डा के बयान पर प्रतिक्रिया: केजरीवाल ने BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा के उस बयान पर सवाल उठाया जिसमें उन्होंने कहा था कि अब BJP को RSS की जरूरत नहीं है. केजरीवाल ने पूछा, "RSS बीजेपी की मां समान है. क्या आपको दुख नहीं हुआ जब आपके अपने 'बेटे' ने ऐसा कहा? क्या RSS के कार्यकर्ताओं को इससे पीड़ा नहीं हुई?"

5. 75 साल के नियम पर सवाल: RSS और BJP के बनाए 75 वर्ष की उम्र के रिटायरमेंट नियम पर सवाल उठाते हुए केजरीवाल ने कहा, "इस नियम के तहत लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी जैसे वरिष्ठ नेताओं को रिटायर कर दिया गया, लेकिन अब अमित शाह कह रहे हैं कि यह नियम मोदी जी पर लागू नहीं होगा. क्या यह सही है? क्या मोदी जी पर भी यह नियम लागू नहीं होगा?"

अरविंद केजरीवाल ने इन सवालों के माध्यम से भाजपा और RSS के बीच के संबंधों, पार्टी की वर्तमान नीतियों, और नेतृत्व के प्रति RSS की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं.

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