दिल्ली विधानसभा की एक कमेटी फेसबुक की नीति को लेकर लगातार जांच कर रही है. गुरुवार को इसी कमेटी के सामने फेसबुक के ही एक पूर्व कर्मचारी ने बड़े आरोप लगाए हैं. फेसबुक के लिए काम कर चुके मार्क लुकी के मुताबिक, फेसबुक में कम्युनिटी के आधार पर भेदभाव किया जाता है. हालांकि, पूर्व कर्मचारी के आरोपों को फेसबुक ने खारिज किया है.
मार्क लुकी ने आरोप लगाया कि फेसबुक में बड़े पदों पर उन्हें ही रखा जाता है, जिनकी सरकार या सत्ताधारी राजनीतिक दल से अच्छा संबंध होता है. मार्क लुकी ने ये बयान दिल्ली विधानसभा की कमेटी के सामने दिया है, जिसकी अध्यक्षता आप विदायक राघव चड्ढा कर रहे हैं.
कमेटी की ओर से जारी बयान में कहा गया कि गवाह ने अपने बयान में फेसबुक के काम के तरीके पर सवाल खड़े किए हैं, बयान में फेसबुक कैसे दुनिया और भारत में काम करता है, ये बताया है. फेसबुक के कर्मचारी ने दावा किया कि फेसबुक में शीर्ष पर बैठे लोग लगातार काम में बाधा डालते हैं, जिसके कारण कई मौकों पर कम्युनिटी गाइडलाइन्स का पालन नहीं होता है.
मार्क लुकी का दावा है कि इस तरह की गलतियों के बारे में फेसबुक की एक्जीक्यूटिव टीम को जानकारी है, यहां तक कि मार्क जकरबर्ग भी इन बातों से अवगत हैं. फेसबुक अपनी छवि को ऐसा करना चाहता है कि वो राजनीतिक तौर पर सही है, लेकिन सच्चाई बिल्कुल अलग है.
आपको बता दें कि इस साल की शुरुआत में दिल्ली में हुई हिंसा के बाद दिल्ली विधानसभा की कमेटी सोशल मीडिया कंपनियों से पूछताछ कर रही है. जिसमें उनके काम करने के तरीके, पोस्ट को हटाने और अन्य मुद्दों पर सवाल हो रहे हैं. अबतक इस कमेटी के सामने आधा दर्जन से अधिक लोग बयान दे चुके हैं, जिसमें पत्रकार, डिजिटल मीडिया एक्सपर्ट और अन्य लोग शामिल हैं.