दिल्ली विधानसभा में बीजेपी विधायकों ने आज खूब हंगामा किया. इसकी वजह से उन्हें विधानसभा से मार्शल आउट भी कर दिया गया. बीजेपी विधायक जल बोर्ड से संबंधित केस में मुख्यमंत्री केजरीवाल पर एफआईआर दर्ज करने की मांग कर रहे थे. हालांकि, दिल्ली के अस्पतालों में कथित रूप से हो रही दवाइयों की कमी पर चर्चा के लिए विधानसभा का सत्र बुलाया गया था.
विधानसभा में आज अस्पतालों और मोहल्ला क्लीनिक में दवाइयों की कमी और मुफ्त जांच बंद होने के मामले को लेकर चर्चा भी हुई. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि एक साजिश के तहत योजना बनाई गई कि दिल्ली के अस्पतालों में दवाइयां उपलब्ध ना हो. उन्होंने बताया कि लाखों लोग बीमारी और दवाइयों के लिए अस्पतालों से लेकर मोहल्ला क्लीनिक पर आश्रित हैं.
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मुख्य सचिव और हेल्थ सचिव पर मुकदमा करेंगे
स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, "किसी को किडनी की गंभीर बीमारी है, जबतक दवाई तब तक सांस चलेगी. जिस दिन दवाई बंद, उस दिन मरीज गुजर जाएगा. इसका दोषी कौन होगा? क्या क्रिमिनल कार्रवाई नहीं होनी चाहिए?" सौरभ भार्दवाज ने कहा, "इस बार मुख्य सचिव और हेल्थ सचिव के नाम पर मुकदमा दर्ज कराऊंगा. इस मामले को खाली नहीं जाने देंगे. एलजी को बार-बार लिखा गया है कि मुख्य सचिव और हेल्थ सचिव जानबूझकर दवाइयों की कमी छुपा रहे हैं."
दिल्ली विधानसभा में AAP के मंत्री ने कहा, "पहले अस्पतालों को लोकल परचेज करने का अधिकार होता था, लेकिन भ्रष्टाचार की घटनाएं सामने आने के बाद, दवाइयां का स्टोरेज करने के लिए केंद्रीय परचेज स्कीम शुरू की गई. हैरानी की बात है कि हेल्थ डिपार्टमेंट ने दवाइयां का टेंडर कर दिया था, कभी टेक्निकल तो कभी दूसरी वजह बता कर 1 साल पूरा होने के बाद भी टेंडर को पूरा नहीं किया गया. इस वजह से टेंडर एक्सपायर हो गया. अस्पतालों में पूरी दवाइयां उपलब्ध नहीं हो पा रही है. डॉक्टर कहते हैं की दवाई अस्पताल में उपलब्ध नहीं है मरीज़ मार्केट से खरीद कर लाएं."
विधानसभा में बीजेपी का हंगामा
बीजेपी विधायकों ने दिल्ली विधानसभा में जल बोर्ड का मुद्दा उठाया, जिसके बाद हंगामा शुरू हो गया. हंगामे के बाद सभी विधायकों को मार्शल आउट कर दिया गया. सदन से मार्शल आउट होने के बाद बीजेपी विधायकों ने विधानसभा परिसर में मौजूद गांधी प्रतिमा के नीचे जमकर नारेबाजी की और अरविंद केजरीवाल के खिलाफ दिल्ली जल बोर्ड मामले में एफआईआर दर्ज करने की मांग की."
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दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा भी विधानसभा पहुंचे थे. आम आदमी पार्टी और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि जल बोर्ड का घोटाला शराब घोटाले से भी बड़ा घोटाला है, जिसकी जांच से आम आदमी पार्टी बचना चाह रही है. दिल्ली जल बोर्ड घोटाले में बीजेपी का आरोप है कि 10 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट को दो कैटेगरी में बांटा गया. पहली कैटेगरी में केवल अपग्रेडेशन होना था. दूसरी कैटेगरी में क्षमता बढ़ाने का ठेका दिया गया. इसी में सारा खेल कर दिया गया.
वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, "2013 तक जलबोर्ड फायदे का सौदा था लेकिन फिर खेल शुरू हुआ. 28,400 करोड़ रुपए का गबन हुआ और इसका कोई हिसाब नहीं है. न्यायलय को दी गई जानकारी के अनुसार 73,000 करोड़ रुपए का लोन लिया गया और उसकी वसूली के लिए एक चार्ट तैयार किया गया. इसके मंत्री खुद कोर्ट गए कि हमें पैसा नहीं दिया गया, जबकि उन्हें यह जानकारी होनी चाहिए कि सरकारी विभाग लॉ से चलता है."