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दिल्ली के बवाना में लापरवाही की बाढ़! 14 दिन से मुनक नहर के पानी का रिसाव, अब डूबा पूरा इलाका

दिल्ली बवाना सीएलसी में रिसाव की एक शिकायत 27 जून को स्थानीय लोगों द्वारा उजागर की गई थी. स्थानीय लोगों की शिकायत है कि मामला उठाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिससे नहर टूट गई. बता दें कि पेशे से वकील, पुष्पेंद्र शर्मा ने बवाना जेजे क्लस्टर समूह में नहर में रिसाव का मुद्दा उठाया था.

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हरियाणा से दिल्ली को पानी की आपूर्ति करने वाली मुनक नहर में कई दिनों से रिस रहा था पानी
हरियाणा से दिल्ली को पानी की आपूर्ति करने वाली मुनक नहर में कई दिनों से रिस रहा था पानी

न बादल गरजे, न बारिश हुई. फिर भी हुआ ऐसा कि जलसंकट से जूझ रही दिल्ली एक कॉलोनी जलमग्न हो गई. बाहरी दिल्ली के बवाना की जेजे कॉलोनी में आधी रात को पानी भरने लगा. सड़कें भर गईं, गलियों में कमर तक पानी लग गया और लोगों के घरों की दहलीज पारकर अंदर भी चला गया. लोग गहरी नींद में सो रहे थे और पानी उनके घरों की ओर बढ़ रहा था, जब नींद खुली तो घर के बाहर बाढ़ जैसे हालात बन गए थे.

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सामने आया लीक का वीडियो
ऐसा कैसे हुआ? इस सवाल के जवाब में एक वीडियो सामने आया है. ये एक शिकायती वीडियो है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि मुनक नहर से जल का रिसाव पहले से हो रहा था,जिस पर आपत्ति दर्ज कराई गई थी, लेकिन इस पर संज्ञान नहीं लिया गया. अगर समय से पहले इस पर ध्यान दिया गया होता तो बुधवार की रात मुनक नहर का बांध इस तरह न टूटता और न ही दिल्ली की जेजे कॉलोनी की गलियां डूब जातीं. 

बवाना

27 जून को की गई थी शिकायत, कलस्टर में शेयर किया गया था वीडियो
दिल्ली बवाना सीएलसी में रिसाव की एक शिकायत 27 जून को स्थानीय लोगों द्वारा उजागर की गई थी. स्थानीय लोगों की शिकायत है कि मामला उठाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिससे नहर टूट गई. बता दें कि पेशे से वकील, पुष्पेंद्र शर्मा ने बवाना जेजे क्लस्टर ग्रुप में नहर में हो रहे रिसाव का मुद्दा उठाया था. उनके मुताबिक, ब्लॉक के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार विधायक, निगम परिषद और डीडीए एक्शन जोन के सदस्य मौजूद हैं, बावजूद इसके लिए कोई कार्रवाई नहीं हुई.

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14 दिनों से रिस रहा था पानी 
इसे लेकर एक वीडियो भी सामने आई है, जिसमें दिख रहा है कि मुनक नहर का पानी का रिसाव एक नाली के जरिए दिल्ली की बवाना जेजे कॉलोनी की तरफ हो रहा है. इस वीडियो की तारीख 27 जून बताई जा रही है. इस तरह कम से कम 14 दिनों लगातार पानी रिसते हुए दिल्ली की बवाना की ओर बह रहा था. बुधवार की रात बांध टूट गया और जेजे कॉलोनी में जल जमाव हो गया. बवाना की जिस जेजे कॉलोनी में जलभराव हुआ है, उस विधानसभा सीट से जय भगवान उपकार विधायक (आप) हैं और निगम पार्षद पवन सहरावत (AAP) हैं.  इतने दिनों से नहर से पानी का रिसाव हो रहा था, लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया. 

बिन बरसात डूबा बवाना
...तो बिन बरसात आखिर दिल्ली का बवाना डूबा कैसे? इस सवाल का जवाब यही लापरवाही है. ये सब मुनक नहर के बांध के टूटने से हुआ. मुनक नहर में पानी बढ़ा तो इसका जोर तटों पर पड़ा और बुधवार रात पानी के जोर से नहर का हिस्सा टूट गया. नहर के टूटने से पानी आसपास के इलाके में फैल गया. जब तक हरियाणा से पानी रोकने के लिए कहा जाता, तब तक बवाना पानी-पानी हो गया.

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बवाना

नहर किनारे होती थी गश्त तो कैसे सामने नहीं आया रिसाव?
ये सब कुछ तब हुआ जब, बीते दिनों दिल्ली सरकार ने बीते साल की बाढ़ से सबक लेते हुए योजनाएं बनाई थीं. इसके साथ ही नहरों की देखरेख के लिए जवानों को भी तैनात किया गया था. बीते महीने जून में दिल्ली पुलिस ने कथित तौर पर मुनक नहर से पानी चोरी करने वाले जल माफिया के खिलाफ अभियान शुरू किया था. पानी चोरी रोकने के लिए जहां छह पुलिस स्टेशनों के जवानों को तैनात किया गया था, वहीं पुलिस ने किनारों पर गश्त भी शुरू की थी. सवाल है कि अगर गश्त हो रही थी तो रिसाव की यह बात सामने कैसे नहीं आई और एक्शन क्यों नहीं लिया गया? 

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