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'पुलिस ने अतिउत्साह में आरोपी बनाया', पढ़ें- SUV ड्राइवर को जमानत देते हुए कोर्ट ने क्या कहा

SUV ड्राइवर मनुज कथूरिया की जमानत को लेकर कोर्ट का लिखित आदेश आया है. कोर्ट ने कहा 'SUV ड्राइवर को पुलिस ने अतिउत्साह में आकर आरोपी बना दिया और उस पर गैर इरादतन हत्या की धारा BNS के सेक्शन 105 के तहत मामला भी दर्ज कर लिया.

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SUV चालक मनुज कथूरिया को मिली जमानत
SUV चालक मनुज कथूरिया को मिली जमानत

दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर कोचिंग केस में एसयूवी ड्राइवर मनुज कथूरिया को गुरुवार को बड़ी राहत मिली है. उन्हें राजधानी में हुए कोचिंग हादसे के मामले में आरोपी बनाया गया था. गुरुवार को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी है.बता दें कि SUV के ड्राइवर मनुज कथूरिया को ओल्ड राजेंद्र नगर में तीन यूपीएससी उम्मीदवारों की मौत से जुड़े एक मामले में दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था.

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कोर्ट ने की यह टिप्पणी
SUV ड्राइवर मनुज कथूरिया की जमानत को लेकर कोर्ट का लिखित आदेश आया है. कोर्ट ने कहा 'SUV ड्राइवर को पुलिस ने अतिउत्साह में आकर आरोपी बना दिया और उस पर गैर इरादतन हत्या की धारा BNS के सेक्शन 105 के तहत मामला भी दर्ज कर लिया. कोर्ट ने कहा, पुलिस ने लिखित जवाब में खुद माना है कि अभी तक की जांच में SUV ड्राइवर के खिलाफ  BNS के सेक्शन 105 के तहत (गैर इरादेतन  हत्या) का मामला नहीं बनता. बाकी जिन धाराओं के तहत मनुज कथूरिया को आरोपी बनाया गया है, वो सब ज़मानती धाराएं हैं.

कोर्ट ने इन शर्तों पर दी जमानत
कोर्ट ने कथूरिया पर शर्त लगाई है. शर्त है कि वह जांच में सहयोग करेंगे, सबूतों के साथ छेड़छाड़ और गवाहों से संपर्क कर उन्हें प्रभावित नहीं करेंगे. पता बदलने की स्थिति में पुलिस और कोर्ट को जानकारी देंगे. प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में इस केस को लेकर कोई बयान नहीं देंगे.

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क्या है पूरा मामला?
दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में राव आईएएस (Rau's IAS) कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में 27 जुलाई की शाम को बारिश के बाद पानी भरने से हादसा हो गया था. इस दौरान कोचिंग में पढ़ने वाले तीन स्टूडेंट्स की मौत हो गई थी. इस मामले में पुलिस ने हादसे की जांच के लिए FIR दर्ज की थी और कई टीमें गठित की हैं. पुलिस ने कोचिंग सेंटर के मालिक अभिषेक गुप्ता और को-ऑर्डिनेटर को गिरफ्तार कर लिया था.

CCTV फुटेज के आधार पर हुई थी गिरफ्तारी
दरअसल, हादसे के बाद एक सीसीटीवी फुटेज में यह बात सामने आई थी कि कोचिंग सेंटर के बाहर पानी से लबालब सड़क से तेज रफ्तार में एक गाड़ी निकली थी. इसके बाद ही कोचिंग सेंटर में पानी घुसना शुरू हुआ था, क्योंकि पानी के प्रेशर से सेंटर का गेट टूट गया था. पुलिस ने वीडियो के आधार पर गाड़ी के ड्राइवर को आरोपी बनाकर गिरफ्तार कर लिया और मंगलवार कोर्ट कोर्ट में पेश किया था. वहीं आरोपी की तरफ से कोर्ट से जमानत मांगी गई थी, जिसका दिल्ली पुलिस ने विरोध किया था. 

तीस हजारी कोर्ट में क्या रखी गई थीं दलीलें
दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी दलीलें रखीं थीं. इस दौरान आरोपी के वकील ने दलील दी थी कि वह बस कार चला रहा था. ऐसी स्थिति में कार चलाना मुश्किल होता है, जबकि उनका (पुलिस) कहना है कि कार इतनी तेज गति से चली. वे उसे मुख्य आरोपी और मुख्य अपराधी बनाने की कोशिश कर रहे हैं. मेरे पास क्या विकल्प था? क्या मुझे हर दरवाजे पर दस्तक देकर पूछना चाहिए था कि क्या मैं अपनी कार वहां से ले जा सकता हूं? उनके हिसाब से यहां तेज स्पीड से कार चलाना अपराध है.

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कोर्ट में उठे थे ये सवाल
क्या उन्होंने मुझे लापरवाही से गाड़ी चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया? नहीं. लोग उम्मीद कर रहे हैं कि सही अपराधी पकड़ा जाएगा. अब उम्मीद कोर्ट से है. संस्था ही दोषी है. किसी तीसरे पक्ष को आरोपी कैसे बनाया जा सकता है? एमसीडी अधिकारियों को नोटिस जारी किया गया है. मुझे नोटिस क्यों नहीं दिया गया?

दिल्ली पुलिस ने दी थी ये दलील
दिल्ली पुलिस ने आरोपी की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि कार ड्राइवर मस्तीखोर है और उसके मजे की वजह से हादसा हुआ है. कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है.

 

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