कॉमनवेल्थ गेम्स के पहले होटल के लिए दी गई जमीन की नीलामी फिर से होगी. सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा विकास प्राधिकरण को यह आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने जमीन के लिए पट्टा अनुबंध के क्रियान्वयन को लेकर न्यू ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण (नोएडा) और निजी कंपनियों के बीच गतिरोध दूर करने के लिए उपाय भी सुझाया और कहा कि इन जमीन की ई-नीलामी नए सिरे से तीन महीने के भीतर कर दी जाए.
इन भूखंडों पर साल 2010 में आयोजित राष्ट्रमंडल खेलों से पहले फाइव और थ्री स्टार होटल बनने थे. कोर्ट ने इन भूखंडों के लिए योजना को मंजूरी दी है. इसके तहत जो भूखंड होटल बनाने के लिये निजी कंपनियों के पास हैं, उन्हें नोएडा के पास वापस भेजा जाएगा. प्राधिकरण इनकी नए सिरे से ई-नीलामी करेगा और इससे जो राशि प्राप्त होगी उसमें से कंपनियों ने जो राशि जमा की हुई है उसे ब्याज सहित लौटाया जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गतिरोध में फंसे भूखंडों की तीन महीने में नीलामी होगी या ई-बोलियां आमंत्रित की जाएंगी. पीठ ने कहा कि यह पूरी तरह से नोएडा पर निर्भर है कि वह किसी भी मकसद के लिए भूखंडों को एक साथ या फिर अलग-अलग बेचे. इस प्रकार की बिक्री से प्राप्त राशि में से उन याचिकाकर्ताओं को भुगतान बिक्री के तीन महीने के भीतर किया जाएगा, जिन्होंने इसका विकल्प चुना है.
गौरतलब है कि साल 2010 में दिल्ली ने राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी की थी. तब बड़े पैमाने पर होटलों के निर्माण के लिए भूमि आवंटित की गई थी. इसी जमीन को लेकर गतिरोध चल रहा है.