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पूजा खेडकर की बढ़ी मुश्किलें, दिल्ली की कोर्ट ने नहीं दी अग्रिम जमानत

कोर्ट ने एजेंसी को यह पता लगाने का निर्देश दिया गया है कि क्या अन्य उम्मीदवारों ने हाल ही में विकलांगता और ओबीसी श्रेणी के तहत लाभ लिया है. कोर्ट ने यह भी पता लगाने के लिए कहा है कि क्या किसी अंदरूनी सूत्र ने खेडकर की मदद की थी.

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पूजा खेडकर को नहीं मिली अग्रिम जमानत
पूजा खेडकर को नहीं मिली अग्रिम जमानत

ट्रेनी IAS रहीं पूजा खेडकर की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. दिल्ली की कोर्ट ने पूजा खेडकर को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया है. अदालत ने कहा कि, जांच एजेंसी को अपनी जांच का दायरा बढ़ाने की जरूरत है. हाल के दिनों में विकलांगता और ओबीसी श्रेणी का लाभ नहीं लेने वाले अभ्यर्थियों का पता लगाने के लिए जांच करने का निर्देश दिया गया है. 

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कोर्ट का निर्देशः पूजा खेडकर को किससे मिली मदद, पता लगाएं
कोर्ट ने एजेंसी को यह पता लगाने का निर्देश दिया गया है कि क्या अन्य उम्मीदवारों ने हाल ही में विकलांगता और ओबीसी श्रेणी के तहत लाभ लिया है. कोर्ट ने यह भी पता लगाने के लिए कहा है कि क्या किसी अंदरूनी सूत्र ने खेडकर की मदद की थी.

पूजा ने अपने तर्क में क्या कहा?
बता दें कि हर तरफ से घिरी पूजा खेडकर ने अदालत के दरवाज़े पर दस्तक देते हुए अग्रिम जमानत की मांग की थी. पूजा ने कहा था कि उसने कोई धांधली या धोखाधड़ी नहीं की, बल्कि अपनी तरफ से जो भी सही दस्तावेज हैं, यूपीएससी के सामने वही पेश किए. पूजा ने अपनी जमानत की अर्जी में कहा कि वो उम्र में काफी छोटी हैं और इस मामले में पुलिस या जांच अधिकारियों को प्रभावित करने की हैसियत में भी नहीं है. 

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अदालत ने नहीं दी जमानत
उसके केस से जुड़े जो भी दस्तावेज हैं, वो पहले ही जांच एजेंसियों के पास हैं, ऐसे में उसके पास से कुछ ज़ब्त करने जैसी बात भी नहीं है. ऐसे में उसे जमानत दी जानी चाहिए. हालांकि पूजा की इस अर्जी पर अदालत ने अपना रुख नहीं बदला और गुरुवार को अग्रिम जमानत न देने का फैसला किया है. 

पूजा की मां का मनोरमा मामले में सुनवाई पूरी
वहीं, दूसरी ओर, पूजा खेडकर की मां मनोरमा खेडकर की जमानत मामले में पुणे की सत्र अदालत ने सुनवाई पूरी कर ली है. अभियोजन और बचाव पक्ष दोनों ने अपनी दलीलें पेश की हैं और अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. मनोरमा खेडकर,को भूमि विवाद मामले में चार दिनों की पुलिस हिरासत में भेजा गया था, हालांकि इसे बढ़ाकर 14 दिनों की न्यायिक हिरासत कर दिया गया था.

कोर्ट शुक्रवार को सुनाएगा फैसला
इस मामले में एक किसान को धमकी देने का आरोप शामिल है, और खेडकर पर आईपीसी की धारा 504, 506 और 307 के साथ-साथ शस्त्र अधिनियम के उल्लंघन का भी आरोप है. JFMC ने पहले जमानत देने से इनकार कर दिया था, जिसके कारण पुणे सत्र न्यायालय में वर्तमान कार्यवाही चल रही थी. कोर्ट ने ऐलान किया है कि वह जमानत अर्जी पर शुक्रवार को अपना फैसला सुनाएगी.

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