दिल्ली की एक अदालत ने नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में हुई हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस को आदेश जारी किया. अदालत ने जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद को एफआईआर की कॉपी मुहैया कराने को कहा. कोर्ट ने कहा है कि ये उनका अधिकार है कि जिस मामले में उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है, उसकी जानकारी और डॉक्यूमेंट्स उन्हें दिए जाएं.
आपको बता दें कि दिल्ली में हुई हिंसा के मामले में एक अक्टूबर को दिल्ली पुलिस ने उमर खालिद को खजूरी खास इलाके से गिरफ्तार किया था. उमर खालिद पर फरवरी में हुई हिंसा के लिए साजिश रचने का आरोप है.
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समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, बुधवार की सुनवाई में अदालत ने पुलिस को निर्देश दिया है कि उमर खालिद को रिमांड कॉपी दी जाए, जिसमें उन्हें पुलिस कस्टडी में भेजे जाने का आदेश दिया गया था और मेडिकल रिपोर्ट्स की जानकारी भी मिलनी चाहिए. अदालत ने कहा है कि इन सभी डॉक्यूमेंट्स में ऐसी कोई जानकारी नहीं है, जो कि व्यक्ति के साथ साझा ना की जा सकती है.
दिल्ली पुलिस को फटकार लगाते हुए कोर्ट ने संविधान का हवाला दिया और कहा कि किसी को भी बिना कारण बताए गिरफ्तार नहीं कर सकते हैं, गिरफ्तारी करते वक्त व्यक्ति को धाराओं का बताया जाना जरूरी है. ये पुलिस की ड्यूटी है और इससे इनकार नहीं किया जा सकता है.
आपको बता दें कि उमर खालिद के वकील की ओर से अदालत में याचिका दायर की गई थी, जिसमें खजूरीखास मामले में एफआईआर की कॉपी समेत कुछ अन्य जानकारियों को मांगा था. हालांकि, सरकारी वकील की ओर से दावा किया गया कि उमर खालिद को गिरफ्तारी के वक्त सभी जानकारियां दी गई थीं.
गौरतलब है कि दिल्ली में इसी साल फरवरी में हिंसा हुई थी, 24 फरवरी को शुरू हुई हिंसा तीन दिन तक जारी रही थी. जिसमें 50 से अधिक लोगों की मौत हुई थी, जबकि 200 के करीब लोग घायल हो गए थे. नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ जारी प्रदर्शन के बाद दो गुटों में हिंसा शुरू हुई थी.