scorecardresearch
 

हिंसा के बाद दिल्ली-NCR के कई इलाकों में इंटरनेट बंद, जानें क्या है प्रक्रिया?

किसान आंदोलन से जुड़े संगठनों ने ट्रैक्टर मार्च निकालने की बात कही थी, लेकिन बीते दिन हुआ ये मार्च हुड़दंग में बदल गया. दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में हुई हिंसा के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कुछ हिस्सों में मोबाइल इंटरनेट को बंद कर दिया.

Advertisement
X
दिल्ली में हुई हिंसा के बाद कुछ इलाकों में बंद हुआ इंटरनेट (PTI)
दिल्ली में हुई हिंसा के बाद कुछ इलाकों में बंद हुआ इंटरनेट (PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • दिल्ली में ट्रैक्टर मार्च के बाद जमकर हुआ हुड़दंग
  • हिंसा के बाद कई इलाकों में मोबाइल इंटरनेट पर रोक

गणतंत्र दिवस के मौके पर देश की राजधानी दिल्ली में ट्रैक्टर मार्च के दौरान जमकर हिंसा हुई. किसान आंदोलन से जुड़े संगठनों ने ट्रैक्टर मार्च निकालने की बात कही थी, लेकिन बीते दिन हुआ ये मार्च हुड़दंग में बदल गया. दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में हुई हिंसा के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कुछ हिस्सों में मोबाइल इंटरनेट को बंद कर दिया.

दिल्ली में सिंघु बॉर्डर, नांगलोई, टिकरी, मुकरबा और आसपास के कुछ इलाकों में मोबाइल इंटरनेट की सुविधा को बंद कर दिया गया. ये बैन सिर्फ 24 घंटे के लिए लगाया गया है. दिल्ली में पिछले एक साल में ऐसा दूसरी बार हुआ है, जब मोबाइल इंटरनेट पर बैन लगा है. इससे पहले CAA आंदोलन के दौरान दिल्ली में हुई हिंसा के वक्त भी ऐसा हुआ था.

कैसे बैन कर दिया जाता है इंटरनेट?
दरअसल, किसी भी संवेदशनील वक्त या हिंसा के दौरान कोई दुष्प्रचार ना हो या किसी तरह की अफवाह ना फैल पाए, इसी कारण सरकार की ओर से इंटरनेट पर रोक लगाई जाती है. मौजूदा वक्त में सरकार का कानून कहता है कि केंद्रीय गृह सचिव या किसी राज्य का गृह सचिव कभी भी किसी इलाके में इंटरनेट बैन का निर्देश दे सकता है. 

पब्लिक सेफ्टी रूल्स, 2017 के तहत सरकार के पास ये ताकत है कि आपातकालीन स्थितियों में ऐसा निर्णय ले सकें. दरअसल, पहले ये ताकत स्थानीय लेवल के अधिकारियों के पास भी होती थी जो अपने क्षेत्र में इंटरनेट बैन या मोबाइल सर्विस पर रोक लगा देते थे, लेकिन अब केंद्र या राज्य स्तर के सचिव का फैसला होता है.

हालांकि, ऐसा आदेश देने के बाद 24 घंटे में एक कमेटी के सामने फैसले को भेजना होता है. ये कमेटी पूरे फैसले का रिव्यू करती है. इस पैनल में कैबिनेट सेक्रेटरी, कानून सेक्रेटरी, टेलिकॉम मंत्रालय के सचिव और अन्य लोग शामिल होते हैं.

Advertisement

देखें: आजतक LIVE TV

इंटरनेट बैन और भारत...
आपातकालीन स्थिति में इंटरनेट बैन या मोबाइल सर्विस पर रोक के कई तरीके होते हैं. कुछ स्थानों पर पूरी तरह से इंटरनेट को बैन कर दिया जाता है, जबकि कुछ स्थानों पर 4जी को घटाकर 2जी कर दिया जाता है. हाल ही में भारत में कई ऐसे मामले देखे गए हैं, जहां मोबाइल इंटरनेट पर बैन लगा हो. दिल्ली में नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ हुए प्रदर्शन में जब हिंसा हुई, तब भी ऐसा हुआ था. 

इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में लंबे वक्त तक इंटरनेट पर बैन रहा, अब वहां धीरे-धीरे 2जी सर्विस को खोला गया है. पूर्वोत्तर में भी असम में नागरिकता संशोधन एक्ट को लेकर हिंसा के दौरान मोबाइल सर्विस पर बीते साल बैन लगाई गई थी. एक संस्था के मुताबिक, साल 2020 में भारत उन देशों में शामिल रहा जहां सबसे अधिक बार और लंबे वक्त तक इंटरनेट पर रोक लगी. 

Advertisement

 

Advertisement
Advertisement