कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को मनाने में सरकार जुटी हुई है. फिक्की की 93वीं सालाना मीटिंग को संबोधित करते हुए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कृषि एक ऐसा सेक्टर रहा है, जो महामारी के दुष्परिणामों से बचने में सक्षम रहा है और वास्तव में यह सबसे अच्छा है. हमारी उपज और खरीद भरपूर है और हमारे गोदाम भरे हुए हैं.
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि वैश्विक मोर्चे पर, दोस्तों, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं को कम करके आत्मनिर्भर भारत और वैश्वीकरण के बीच संतुलन बनाने का अवसर पैदा हुआ है. मुझे लगता है कि आत्मा निर्भार भारत अभियान की शुरूआत भारत के आर्थिक इतिहास में एक 'वाटरशेड' क्षण है.
किसान आंदोलन पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हम हमेशा अपने किसान भाइयों की बात सुनने के लिए तैयार रहते हैं, उनकी गलतफहमी को दूर करते हैं और उन्हें वह आश्वासन प्रदान करते हैं जो हम प्रदान कर सकते हैं. हमारी सरकार हमेशा चर्चा और बातचीत के लिए खुली है.
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारे कृषि क्षेत्र के खिलाफ प्रतिकूल कदम उठाने का कोई सवाल ही नहीं है. हाल के सुधारों को भारत के किसानों के सर्वोत्तम हितों को ध्यान में रखते हुए किया गया है. दोस्तों, आज हम एक बड़े बदलाव की कगार पर हैं. कोरोना के बाद की दुनिया वैसी नहीं रहने वाली है. चुनौतियां बड़ी होती जा रही हैं और हमें इससे निपटने के लिए धैर्य और दृढ़ संकल्प की आवश्यकता होगी.
वहीं, केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कह कि किसी भी काम या आंदोलन को लेकर जिद पर अड़ जाने से समाधान नहीं होता है. समाधान निश्चित रूप से मिल बैठकर निकलता है. मैं किसान भाईयों से आग्रह करूंगा कि भारत सरकार आपके साथ बैठने के लिए तैयार है.