दिल्ली की सीमाओं पर कृषि कानून के विरोध में आंदोलन कर रहे किसान नेताओं का जमावड़ा बढ़ता जा रहा है. 26 जनवरी को हिंसा की घटनाओं के बाद बिखरता नजर आ रहा किसान आंदोलन फिर से मजबूत होने लगा है. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक बयान आया है, जिससे किसानों को भी इस समस्या को लेकर सकारात्मक समाधान की उम्मीद बंधी है.
गाजीपुर बॉर्डर पर मौजूद एक किसान नेता ने आजतक से बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि वो आज भी एक फोन कॉल की दूरी पर हैं. ऐसे में मुझे लगता है कि आगे की बातचीत सकारात्मक दिशा में बढ़ रही है. किसान नेता जीतू ने कहा कि मुझे लगता है आने वाले पांच दिन सकारात्मक होंगे. उन्होंने कई किसान नेताओं से बातचीत का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्हें भी भरोसा है कि आगे सरकार से बातचीत के सकारात्मक नतीजे आएंगे.
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किसान नेता जीतू ने कहा कि पहले दिन से हमारा मानना है कि सरकार किसान आंदोलन को विफल करने की कोशिश न करे बल्कि किसानों की परेशानी समझकर हल निकाले. सरकार आंदोलन फेल करने के लिए प्रोपेगेंडा करती रही. उन्होंने कहा कि सरकार हमारी मांगें मान ले तो हम खुद यहां से चले जाएंगे.
क्या 26 जनवरी के उपद्रव के बाद आंदोलन कमजोर पड़ गया है? इस सवाल के जवाब में किसान नेता जीतू ने कहा कि 26 जनवरी के बाद अगले 2 दिन तक गाजीपुर बॉर्डर पर राकेश टिकैत के साथ मौजूद था. सरकार अपने प्रोपेगेंडा में सफल होती नजर आ रही थी लेकिन इस आंदोलन को कोई किसान नेता नहीं बल्कि श्री गुरुनानक देव या श्रीराम चंद्र चला रहे हैं इसलिए एक मिनट में पूरा आंदोलन बदल गया.
उन्होंने कहा कि अब आंदोलन कर रहे किसान 10 गुना ज्यादा मजबूत स्थिति में हैं. बॉर्डर पर आंदोलन वाली जगह पुलिस की बढ़ती तैनाती के सवाल पर किसान नेता ने कहा कि इस समय पुलिस हम किसानों की सुरक्षा के लिए है. पहले तैनात की गई पुलिस हमारे खिलाफ थी. अब सरकार को कोसने की जरूरत नही है क्योंकि शरारती लोगों को आंदोलन में आने से रोकने के लिए पुलिस तैनात की गई है.
नहीं किया गया तिरंगे का अपमान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात में तिरंगे के अपमान से देश के दुखी होने के बयान पर किसान नेता जीतू ने कहा कि तिरंगे का अपमान बिल्कुल नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि सभी किसान भाइयों के लिए तिरंगा जान से भी प्यारा है. किसानों के बेटे देश की सरहद पर भी रक्षा करते हैं, लेकिन यहां सबसे बड़ा सवाल ये है कि लाल किले पर सबसे कम सुरक्षा क्यों थी?
बजट सत्र के दौरान कृषि कानून के कारण उत्पन्न गतिरोध खत्म होने की संभावनाओं के सवाल पर जीतू ने कहा कि आने वाले पांच दिन बेहद अहम हैं. पूरे भरोसे के साथ कह सकता हूं कि आने वाले दिनों में अच्छी खबर आएगी और हमारा किसान आंदोलन अच्छी स्थिति में खत्म होगा, जिससे सरकार का मान भी बना रहे और किसान भी सम्मान के साथ अपने गांव लौट सकें.
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